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Allahabad High Court: Loudspeaker लगाना मौलिक अधिकार नहीं है मस्जिदों में अजान के लिए, जानिए पूरा मामला

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Allahabad High Court: Uttar Pradesh में Loudspeaker की गर्दन दबोचने का अभियान बदस्तूर जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश सरकार में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज को कम करने का एक अभियान चलाया है। इसमें बहुत तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर को भी उतारा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों में पूजा इबादत की आवाज को परिसर तक ही सीमित करने का आदेश दे दिया है। इसके बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से लाउडस्पीकर ऊपर दबिश बनाई गई है।

इस संबंध में मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंचा तो वहां पर भी लाउडस्पीकरों के पैरोकारों बड़ा झटका लगा। साफ कर दिया है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार के दायरे में नहीं आता है। ऐसी टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने लाउडस्पीकर लगाए जाने के संबंध में याचिका को खारिज कर दिया है।

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Loudspeaker यूपी में जोरदार सियासत चल रही



यूपी में लाउडस्पीकर पर जोरदार सियासत भी चल रही है। बीते दिनों सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी करारा हमला बोला था। इन तमाम विवादों के बीच में ही इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा आदेश सामने आया है। कोर्ट ने कहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का उपयोग करना मौलिक तथा संवैधानिक अधिकार नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की पीठ ने भी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगवाने की याचिका को इसी आदेश के साथ खारिज कर दिया।

एसडीएम ने लाउडस्पीकर लगवाने की अनुमति देने से इनकार किया


यूपी में एक और लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान भी जारी है। वहीं पर दूसरी तरफ लाउडस्पीकर लगाए जाने की अनुमति मांगे जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बड़े परिपेक्ष में देखा जा रहा है। यह मामला दिसंबर 2021 का है। हालांकि बदायूं से बिसौली गांव में एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान की मांग से संबंधित आवेदन एसडीएम के समक्ष ही किया गया। 3 दिसंबर 2021 को एसडीएम ने लाउडस्पीकर लगवाने की अनुमति देने से साफ-साफ इनकार कर दिया।

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एसडीएम के आदेश के खिलाफ इरफान ने याचिका दायर की इलाहाबाद हाईकोर्ट में


बता दें कि एसडीएम के आदेश के खिलाफ इरफान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी। उसने एसडीएम के आदेश को भी चुनौती दे दी। गुरुवार को इरफान की याचिका पर जस्टिस ट्वीके बिल्ला तथा जस्टिस विकास ने खारिज कर दिया। दोनों जजों ने कहा है कि अब ये स्थापित हो चुका है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का उपयोग मौलिक अधिकार नहीं है।

Allahabad High Court लाउडस्पीकर को लेकर विवाद काफी गरमाया हुआ है

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Allahabad High Court Loudspeaker से संबंधित याचिका भले ही दिसंबर 2021 की हो। लेकिन अभी भी यह विवाद काफी गरमाया हुआ है। हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से loudspeaker के खिलाफ भी अभियान और तेज किया गया है। योगी सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने या फिर आवाज धीमी करने का आदेश दे दिया है। हालांकि आवाज धीमी नहीं करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्यवाही की भी बात कही गई है। कहीं पर ऐसे आसमानों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान भी चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने तय मानक से ज्यादा आवाज में लाउडस्पीकर नहीं बजने के आदेश दिए हैं। इस पर भी देश में खूब राजनीति हो रही है।

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कोर्ट ने कहा…


Allahabad High Court ने कहा है कि लाउडस्पीकर की इजाजत के लिए कोई अन्य ठोस आधार नहीं दिए गए हैं तथा इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया तथा अर्जी को खारिज कर दिया। अभी की अभी हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग क्या की कि देशभर में इसे लेकर हंगामा मच गया। यह मामला तूल पकड़ते हुए कई राज्यों तक भी फैल गया। राज ठाकरे ने धमकी देते हुए यह कहा था कि जब तक लाउडस्पीकर से अजान दी जाएगी तब तक हनुमान चालीसा भी बजाया जाएगा।



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