Aksar Ali नाम के एक 24 साल के इस्लामी विद्वान को अपना धर्म यानी कि इस्लाम त्याग करने को लेकर उसके समुदाय के 10 सदस्यीय गिरोह ने अपहरण किया तथा उसके साथ मारपीट की। बीते रविवार को अस्कर कोल्लम के एक कार्यक्रम में भाग लेने वाला था। जहां वो इस्लाम धर्म को छोड़ने के कारण का खुलासा करने वाला था।
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गौरतलब है कि Aksar Ali को दिन के उजाले के दौरान एक समुद्री तट पर ले जाया गया तथा एक कार के अंदर धकेल दिया गया। इसके बाद से गिरोह ने उसकी पिटाई कर दी। जिसमें उसके कुछ रिश्तेदार भी शामिल थे। घटना 1 मई की है जब कोल्लम में अस्कर अली “धर्म का उपभोग करने वाले”विषय पर एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे।
बता दें कि मलप्पुरम के रहने वाले Aksar Ali के शिकायत के बाद कोल्लम पुलिस ने उसके रिश्तेदारों समेत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अस्कर अली की शिकायत के मुताबिक मल्लपुरम कि लोगों के एक समूह ने ये सुनिश्चित करने के लिए उसका अपहरण करने की कोशिश की। जिसकी वजह से वह 1 मई को कार्यक्रम संबोधित ना करें। अली ने यह कहा कि उन्होंने मेरा मोबाइल फोन तोड़ दिया तथा मेरे कपड़े फाड़ दिए। मुझे जबरन एक वाहन में ले गए तथा मुझे अंदर बंद करने की कोशिश की। लेकिन जब स्थानीय लोगों ने शोर मचाया तो पुलिस ने मुझे बचा लिया।
अस्कर अली ने अपने रिश्तेदारों पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया है। उसने यह कहा है कि मेरे कुछ रिश्तेदार तथा कुछ स्थानीय लोगों ने मुझे खुल्लम जाने से रोकने की पूरी कोशिश की थी। सबसे पहले उन्होंने हमारे स्थानीय पुलिस स्टेशन मलप्पुरम में गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराएं। मुझे पुलिस ने थाने में पेश होने के लिए बुलाया। लेकिन पुलिस ने जब मुझसे संपर्क किया तो मैंने उन्हें बता दिया कि मैं कार्यक्रम करने के बाद आऊंगा।
अस्कर अली ने आगे यह बताया कि मैं एक होटल में ठहरा हुआ था। जब मेरे दो रिश्तेदार मुझसे ये कहते हुए आए कि उन्हें कुछ पारिवारिक मसलों पर चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने मुझे बताया कि वह ट्रेन से कोल्लम आए हैं। उन्होंने मुझे जबरन ही गाड़ी में ले जाने की कोशिश की तथा मेरे साथ मारपीट की। मैं जोरों से चिल्लाया जिसके बाद से लोग जमा हो गए हैं तथा पुलिस भी आ गई इसीलिए मैं बच गया।
इस्लाम धर्म त्यागने की कारण का जिक्र करते हुए अस्कर अली ने यह कहा कि हमें अन्य समुदायों से नफरत करना तथा भारतीय सेना में शामिल होना सिखाया गया, क्योंकि हमें अपने समुदाय के सदस्यों को मानना होगा जो हमारे धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ है। हमें यह भी सिखाया गया था कि हमें उन आतंकवादियों को मारने के लिए मजबूर किया जाएगा जो भारतीय धरती में घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे। क्या वह मुसलमान नहीं है?? हमें हमारा धर्म यह सिखाता है कि दूसरे मुसलमानों को मत मारो। ये वास्तव में ही एक खतरनाक शिक्षा है।
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अस्कर अली ने आगे बताया कि वह हमें इस विचारधारा को समुदाय के साथ ही सदस्यों तक फैलाना भी सिखाते हैं। हालांकि किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने से इस खतरे को रोकने में मदद नहीं मिलेगी। इस्लाम जैसा भी है असली फासीवाद है। 30 अप्रैल को अस्कर अली के परिवार ने मलप्पुरम में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। सोमवार की रात को मलप्पुरम पुलिस ने अस्कर अली को स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। जिसने उसे उनकी इच्छा के मुताबिक जीने की अनुमति दी।