Airport: आज के वक्त में हवाई यात्राएं करना लग्जरी या फिर अमीरों वाला अनुभव नहीं रह गया है। लोग मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने लगे हैं एवं उन्हें कई बार दूसरे देशों की यात्रा पर भी जाना पड़ता है। इसके अलावा ट्रैवलर्स फ्रीक्वेंट फ्लायर बन जाते हैं एवं अक्सर दूसरे देशों की जर्नी करते हैं। यही वजह है कि अब कई देशों में एक से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने लगे हैं। भारत को ही ले लीजिए, दिल्ली, मुंबई, कोच्ची, बेंगलुरू, कोलकाता जैसे शहरों से विदेशों में उड़ाने जाती हैं। पर कुछ देश ऐसे हैं जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है। हम आज आपको उन्हीं 5 देशो के बारे में बताने जा रहे हैं।
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स्पेन और फ्रांस के बीच स्थित एनडोरा (Andorra) एक छोटा सा देश है जो पूरे यूरोप से पायरनीज पहाड़ियों से कटा हुआ है। चूंकि यह देश उतना भी छोटा हीं जितने दुनिया के अन्य छोटे देश हैं। इसका सर्फेस एरिया मोनैको से बड़ा है। इसके बावजूद भी इस देश के पास अपना ऑपरेशनल एयरपोर्ट नहीं है। इसकी वजह है इस देश का लोकेशन। यह देश पूरी तरह पहाड़ों पर है जिनकी ऊंचाई 3000 फीट तक है। ऐसे में एयरपोर्ट बनाना मुमकिन नहीं है। चूंकि सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 30 किलोमीटर दूर, दूसरी प्रिंसिपैलिटी, कैटालोनिया का एनडोरा-ला सियु एयरपोर्ट है।
लिकटनस्टाइन, प्रिंसिपैलिटी (Principality) में छोटे स्पेस एवं पहाड़ी क्षेत्रों के कारण से एयरपोर्ट बना पाना मुश्किल है। इस प्रिंसिपैलिटी का एरिया 160 स्क्वायर किमी है जो कुछ ही कीलोमीटर लंबा है। लिकटनस्टाइन का पूरा परिमाप 75 किमी है। बहुत यूनिक लोकेशन के कारण से एयरपोर्ट बना पाना मुश्किल है। इस कारण से नागरिक बस या फिर कैब के जरिए ज्यूरिक एयरपोर्ट (Zurich Airport) तक जाते हैं जो 120 किमी दूर है।
The Vatican City को दुनिया का सबसे छोटा देश होने का दर्जा प्राप्त है। इस देश का एरिया सिर्फ 0.44 स्क्वायर किमी है इसमें एयरपोर्ट नहीं है। यह देश रोम के बीच में है, पर उसके बावजूद भी यहां ना ही कोई समुद्री मार्ग है और ना ही कोई नदी का मार्ग। इस कारण से लोगों को पैदल या फिर गाड़ी में ही यात्रा करनी पड़ती है। हवाई यात्रा करने के लिए लोगों को फियुमिसिनो एवं सियामपिनो एयरपोर्ट्स तक जाना पड़ता है। जहां ट्रेन से पहुंचने में 30 मिनट तक का समय लगता है। इसके अलावा भी इस देश से नेपल्स, पीसा एवं फ्लोरेंस तक का रेल मार्ग जुड़ा है।
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मोनैको प्रिंसिपैलिटी अन्य देशों से रेलवे के जरिए जुड़ा हुआ है जो फ्रेंच तट पर बने हुए हैं। देश में जो सामान आना होता है वह शिप के जरिए हार्बर पर उतरता है या कार के जरिए आता है। देश छोटा है एवं आबादी 40 हजार से अधिक है। ऐसे में एयरपोर्ट बनाना मुमकिन नहीं है। मोनैको ने अपने पड़ोसी देश नाइस से अग्रीमेंट किया है जिसके जरिए लोग नाइस से फ्लाइट पकड़ सकते हैं। कार के जरिए 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचा जा सकता है तथा हेलिकॉप्टर से सिर्फ 5 मिनट का समय लगता है।
सैन मारिनो, वैटिकन सिटी व रोम से ज्यादा दूर नहीं है। यह इटली से भी घिरा हुआ है पर समुद्र से इसका कोई भी संपर्क नहीं है। इसका परिमाप 40 किमी से भी कम है इसलिए एयरपोर्ट बनाने की जगह नहीं है। देश से सबसे नजदीक एयरपोर्ट रिमिनी का है जो 16 किमी दूर है। इसके अलावा भी वेनिस, पीसा, फ्लोरेंस एवं बोलोंगना का एयरपोर्ट नजदीक है।