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भारत सरकार ने ट्विटर के नए नियम बनाए हैं लेकिन ट्विटर ने उनमें से कुछ नए नियमों पर आपत्ति जताई है नियम इस प्रकार हैं
1– chief compliance officer- ए ध्यान रखेगा की कंपनी आईटी एक्ट के नियमों का पालन करें।
2– नोडल कांटेक्ट पर्सन — ये अधिकारी 7 दिन 24 घंटे कानूनी एजेंसियों के साथ तालमेल बनाए रखेगा।
3– resident grievance officer– ये अधिकारी शिकायत निवारण प्रक्रिया का पालन करवाएगा।
4– सोशल मीडिया कंपनी का भारत में एक फिजिकल ऐड्रेस होना और उसे वेबसाइट या ऐप पर दिखाना जरूरी होगा।
5– प्लेटफार्म के नियम, प्राइवेसी पॉलिसी और यूजर एग्रीमेंट जैसी जानकारी सार्वजनिक करने वाले करनी होगी।
6– एक खास वॉलंटरी यूजर वेरिफिकेशन मैकेनिज्म बनाना होगा।
7– अगर कोई सोशल मीडिया कंपनी किसी यूज़र का कांटेक्ट अपने आप हटाती है तो उस यूज़र को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए कांटेक्ट हटाने से पहले यूजर को बताना होगा कि आखिर उसका कांटेक्ट क्यों हटाया जा रहा है।
8– अगर कोर्ट या सरकारी एजेंसी किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कोई जानकारी होस्ट करने या पब्लिश करने से मना करती है तो उसे वह मानना होगा।
( इसमें देश की एकता ,अखंडता को खतरे में डालने वाली ,कानून व्यवस्था को भंग करने वाली , मित्र देशों से रिश्ते खराब करने वाली जानकारी शामिल हो सकती है)
* विशेषज्ञों को लगता है कि यही वह बिंदु है जहां पर सरकार की आलोचना वाला बिंदु है शांति व्यवस्था से जोड़कर सरकार सोशल मीडिया कंपनी की बांह मरोड़ सकती है और जो सरकार के खिलाफ कांटेक्ट है उसे पब्लिश करने से मना कर सकती है।
9– प्लेटफार्म पर ऐसा कांटेक्ट नहीं डाला जा सकेगा जिससे मानहानि हो या वह अश्लील हो।
* कंटेंट में अश्लीलता ना हो यह बात तो समझ में आती है। लेकिन यदि सरकार की आलोचना की जाए और यहां कोई मंत्री की आलोचना की जाए तो पता नहीं कौन सी बात उन्हें मानहानि लग जाए।
10– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उसके पोस्ट या कॉन्टेंट के फर्स्ट ओरिजनेटर की जानकारी सरकार को देनी होगी। यदि कोई वीडियो कॉन्टेंट विदेश से पब्लिश हुआ हो और देश में किसने उसके कांटेक्ट को सबसे पहले फैलाया है इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
11– एक कानूनी आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सोशल मीडिया कंपनी को आईडेंटिटी वेरीफिकेशन के मकसद से मांगी गई जानकारी सरकारी एजेंसियों को देनी होगी।
ट्विटर ने कहा है कि मैं मौजूदा नियमों का पालन करने का प्रयास करूंगा लेकिन नए नियमों के उन प्रावधानों पर बदलाव लाने के लिए कहा जो कथित तौर पर मुक्त और खुली बातचीत के आड़े आते हैं। कहां की इन नियमों से लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को खतरा है।
पिछले दिनों उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आरएसएस चीफ मोहन भागवत, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अरुण कुमार और के गोपाल, सुरेश सोनी के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया। इस बात पर सभी में खलबली मच गई और जमकर बवाल काटा। फिलहाल ट्विटर ने ब्लू टिक वापस कर दीए फिर भी सभी ने कहा कि यह ब्लूटूथ गायब क्यों कर दिए थे तो फिर ट्विटर ने सफाई दी थी ए टि्वटर अकाउंट द्वारा बहुत दिनों से कुछ नहीं किया गया था इसलिए उनका ब्लू टिक हटा दिया गया लेकिन जब लोगों ने सर्च किया तो पता चला कि बहुत से अकाउंट ऐसे हैं जो बहुत दिनों से एक्टिव नहीं है फिर भी उनका ब्लू टिक लगा हुआ है तो ट्विटर को जमकर एक्सपोज किया गया।
सरकार और ट्विटर के बीच तू-तू मैं-मैं के बाद सरकार ने ट्विटर को आखिरी नोटिस भेजी दिया सरकार ने अपने नोटिस में लिखा कि
” यूं तो नए आईटी नियमों को मानने की डेडलाइन 26 मई की थी लेकिन फिर भी आपको एक आखरी नोटिस भेज रहे हैं अभी भी नए नियमों को ना मानने की सूरत में ट्विटर को आईटी एक्ट के तहत मिल रही सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है इसके लिए ट्विटर खुद जिम्मेदार होगा।”
” ट्विटर एक दशक से भी अधिक समय से भारत में ऑपरेशनल है ऐसे में यह बात यकीन से परे है कि टि्वटर इंडिया अब तक ऐसा कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं कर पाया है कि जिससे भारत के लोगों की समस्याओं को समय से और पारदर्शी तरीके से सुलझाया जा सके। ट्विटर का नए नियमों को ना मानना ए जताता है कि उनका इस दिशा में कोई कमिटमेंट नहीं है”।
ट्विटर ने 27 मई को नए IT नियमों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी । उसने सरकार के बनाए नियमों पर हामीं जरूर भरी लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी का सवाल भी उठा दिया पुलिस के डराने धमकाने की रणनीति पर भी सवाल खड़े किए और चिंता जताई। ऊपर का यह बयान दिल्ली पुलिस के उच्च कार्यवाही के बाद आया जिसमें पुलिस ट्विटर के गुरुग्राम ऑफिस पहुंच गई थी 27 मई शाम को भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी और ट्विटर से कहा कि वह देश के नियम कार्य के लिए चले इधर-उधर की बातें ना करें कानून का पालन करें ।
सरकार के मुताबिक कानून नीतियां बनाना सरकार का काम है ट्विटर मात्र एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है उसे यह अधिकार प्राप्त नहीं है की पॉलिसी कैसी होनी चाहिए सरकार ने यह भी कहा कि ट्विटर के आरोप आधारहीन है सरकार को बदनाम करने वाले हैं ट्विटर के किसी भी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं है।
चीन मिश्र ईरान नॉर्थ कोरिया तुर्की तुर्कमेनिस्तान और यूके जैसे देशों ने ट्विटर को बैन कर दिया है हालांकि लिस्ट कई देश ऐसे हैं जहां प्रतिबंध पूर्णकालिक नहीं था और कुछ दिनों बाद देश में ट्विटर का एक्ट्रेस फिर से बहाल हो गया । हाल ही में नाइजीरिया में भी ट्विटर को अनिश्चितकाल के लिए बैन कर दिया गया है।