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क्रत्रिम द्वीप क्या है ? डेनमार्क कृत्रिम द्वीप क्यों बना रहा है ? क्रत्रिम द्वीप का विरोध क्यों किया जा रहा है ?

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डेनमार्क एक के बाद एक बनाता जा रहा क्रत्रिम द्वीप

  द्वीप स्थल खंड के ऐसे भाग हैं जिनके चारों ओर जल का विस्तार पाया जाता है यह द्वीप प्राप्त और प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों हो सकते हैं मानव के द्वारा निर्मित द्वीप इस प्रकार से हो सकते हैं की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए रहने के लिए ,आवास  खाद्यान्न की वस्तुओं को सुनिश्चित करने के लिए, सामरिक लाभ प्राप्त करने के लिए, पर्यटकों को बढ़ावा देने आदि कारणों से मानव निर्मित दीपों का निर्माण होता जा रहा है सबसे ज्यादा कृत्रिम दीपों का निर्माण चीन ने तीव्र गति से किया है।तिआन- कुन -हाओ चीन का पोत जो कृतिम द्वीप का निर्माण  है।

क्रत्रिम द्वीप क्या है कौन-कौन से देश कर रहे हैं इसका निर्माण :-

मानव द्वारा निर्मित किए गए द्वीप को क्रत्रिम द्वीप या मानव निर्मित द्वीप कहते हैं ।चीन ने भारत को घेरने के लिए मालदीव में क्रत्रिम द्वीप निर्माण किया है। विश्व में सबसे बड़ा मानव द्वारा निर्मित द्वीप संयुक्त अरब अमीरात में दुबई के तट पर बना है । यह कई द्वीपों का समूह है जिसमें पाम जुमेराह ,पाम जेबेल ,अली , डीरा द्वीप और द वर्ल्ड प्रमुख आईलैंड हैं और इनका निर्माण सन 2001 से किया जा रहा है इसके अलावा चीन ने दक्षिण चीन सागर प्रशांत महासागर हिंद महासागर में अनेक कृत्रिम द्वीपों का निर्माण किया है।

भारत का कृत्रिम द्वीप

भारत के दो क्रत्रिम द्वीप महत्वपूर्ण विजिंगटन  द्वीप जो कि कोच्चि के समीप है जिसका निर्माण आजादी से पहले ही सन 1933 में किया गया था और दूसरा द्वीप है कैटल द्वीप है। वैसे तो भारत में कई कृतिम द्वीप हैं। लेकर  महत्वपूर्ण दो ही हैं।

1.   बिलिंगटन द्वीप

2.    कैटल द्वीप

विलिंगटन  द्वीप का नामकरण तत्कालीन ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड बिलिंगटन के नाम पर किया गया था। यह जो विलिंगटन द्वीप है। इसका स्वामित्व भारतीय नौसेना  और कोचीन पोर्ट ट्रस्ट है। कैटल द्वीप  हैं जो उड़ीसा का एक गांव हुआ करता था जब हीराकुंड बांध बना तो उसके चारों तरफ का जो एरिया पानी में डूब गया और जो ऊपर उठा हुआ भाग रह गया जिससे कैटल द्वीप का निर्माण हो गया।

डेनमार्क में क्यों बनाए जा रहे हैं नए-नए कृत्रिम द्वीप :-

डेनमार्क की  संसद में 35000 लोगों के रहने और कोपेनहेगन बंदरगाह को बढ़ते समुद्र जल स्तर से बचाने के लिए कृत्रिम द्वीप निर्माण की मंजूरी दे दी है। द्वीप का नाम लिटन होम रोड तनाव और मेट्रो के माध्यम से मुख्य भूमि में जोड़ा जाएगा। इस क्रत्रिम द्वीप का आकार 2.6 वर्ग किलोमीटर अर्थात 400 फुटबॉल मैदान के आकार के बराबर है। इन द्वीपों का निर्माण कार्य वर्ष के अंत में किया जाएगा दीपों के चारों ओर बांध का निर्माण समुद्र के बढ़ते जल स्तर को रोकने और तूफानों से रक्षा के लिए द्वीप का निर्माण किया जाएगा।

डेनमार्क में बनाए जा रहे इस प्रकार के कृत्रिम द्वीप

क्यों किया जा रहा है कृत्रिम द्वीपों का विरोध :-

दुनिया के बहुत से देशों द्वारा कृतिम द्वीपों का विरोध किया जा रहा है वह अपने तर्क में कह रहे हैं कि इससे प्रकृति के काम में बाधा पहुंचेगी। महासागरीय धाराएं प्रभावित होंगे । इससे स्थलीय हवा भी प्रभावित होगी और सारा इको सिस्टम गड़बड़ा जाएगा जो किसी भी जीवधारी के लिए शुभ संकेत नहीं है।

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