कोरोना लहर जब कोरोना फैलता है तो संक्रमित व्यक्तियों की संख्या का आंकड़ा पहले बढ़ता है और फिर एक बिंदु पर जाकर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या के आंकड़े स्थिर हो जाते हैं इसके बाद कम होने लगते हैं फिर ऐसी स्थिति आती है जब संक्रमित व्यक्तियों के कुछ ही केस सिर्फ 24 घंटों में रिकॉर्ड किए जाते हैं इसके बाद पुन: ऐसी स्थिति आती है जब केस बढ़ने लगते हैं और एक बिंदु पर स्थिर होकर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या के केस कम होने लगते हैं।
यदि इस स्थिति को ग्राफ में देखा जाए तो एक लहरनुमा स्थिति दृष्टिगोचर होते हैं इसलिए इससे कोरोना लहर का नाम दिया गया है।
कोरोना वैरियंट कोरोना वायरस के अलग रूप है। कोविड वैरियंट को खतरे के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है :-
1. Variant Of Interest ( VOI )
2. Variant Of Concern ( VOC )
3. Variant Of High Consequence ( VOHC )
कोरोना लहर भारत में पाया गया एक बैरियंट (B.1.617 .1 ) है , जिसे 4 अप्रैल 2021 को VOI श्रेणी में शामिल किया गया था। डब्ल्यूएचओ ने इसे “कप्पा” नाम दिया है। अभी हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के तीसरे वैरीअंट का नाम डेल्टा रखा है। डेल्टा यानी ( B.1.617.2 ) VOI की श्रेणी में था जिसे 11 मई 2021 को VOC के रूप में नामित किया गया ।
VOI श्रेणी में इस समय “कप्पा” के अलावा ऐिप्सलोन ‘ अमेरिका’ , जीटा ‘ब्राजील , ‘थीटा’ ( फिलीपींस ), लोटा ‘अमेरिका ‘आदि शामिल है। लेकिन डब्ल्यूएचओ के अनुसार वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम बदला नहीं जाएगा ।
कोरोना लहर पिछले कुछ दिनों पहले B.1.6 17 .2 variant को भारतीय वैरीयंट कहे जाने पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई थी ।भारत सरकार ने तर्क दिया था कि किसी variant को किसी देश के नाम से जोड़ दिया जाता है तो उस देश की अंतरराष्ट्रीय छवि खराब होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूएचओ(W.H.O) ने वेरिएंट्स को नामित किया है। इसे उदाहरण के रूप में इस प्रकार समझते हैं जिस प्रकार उष्णकटिबंधीय चक्रवात आते हैं लेकिन चक्रवात तो बहुत आते हैं तो अध्ययन की दृष्टि या जन सामान्य को समझने के लिए चक्रबातों का कुछ ना कुछ नाम रख दिया जाता है जैसे अभी हाल ही में ताऊते और यास चक्रवात आए थे है तो यह चक्रवात ही लेकिन अध्ययन की दृष्टि से और जन सामान्य को समझने के लिए इनका नामकरण कर दिया जाता है।