आखिर कौन लाया Ayodhya में हैंड ग्रेनेड सेना का ट्रेनिंग सेंटर है 3KM की दूरी

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आम जनता में है डर का माहौल

Ayodhya में आम जनता में बन गया है डर का माहौल आखिरकार जब सेना का ट्रेनिंग सेंटर कितना दूर है तो फिर कहां से यह हैंड ग्रेनेड मिला है

बड़ी संख्या में बरामद किया गया हैंड ग्रेनेड

Ayodhya में बड़ी संख्या में हैंड ग्रेनेड को पाया गया है ये हैंड ग्रेनेड सेना के ट्रेनिंग सेंटर से तीन किलोमीटर दूर मिले हैं इतनी संख्या में हैंड ग्रेनेड किसने लाया ये अभी तक पता नहीं लग पाया है इस बारे में अयोध्या पुलिस को जानकारी दी जा चुकी है बरामद हैंड ग्रेनेड को नष्ट किया जा चुका है लेकिन अब यह सवाल खड़ा होता है कि यह हैंड ग्रेनेड यहां पर लाया किसने क्योंकि इसका उपयोग सेना की ट्रेनिंग के लिए ही दिया जाता है तो क्या कोई आतंकी तो नहीं ना ऐसा है जो यहां पर ऐसी कोई ट्रेनिंग करा रहा था ऐसे सवाल खड़ा होना तो लाजमी है

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झाड़ियों में पाया गया हैंड ग्रेनेड

बताया जा रहा है कि शनिवार को कंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र के निर्मली कुंड चौराहे के पास पेड़ों और झाड़ियों के बीच हैंड ग्रेनेड वहां पर मिला एक स्थानीय युवक की जानकारी पर जब यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम पहुंची तो उसे कुछ ही दूरी के भीतर पेड़ों और झाड़ियों के बीच 12 से 15 हैंड ग्रेनेड 15 और 20 और हैंड ग्रेनेड बरामद किया यह पूरा क्षेत्र सेना की निगरानी में रहता फिर भी अगर इस तरीके से और इतना ज्यादा हैंड ग्रेनेड पाया जाता है तो यह एक बड़ा खतरा भी हो सकता है

नष्ट किया जा चुका है हैंड ग्रेनेड

मिलिट्री इंटेलिजेंस की माने तो पाए गए हैंड ग्रेनेड को रविवार दोपहर 2 बजे के आसपास नष्ट किया जा चुका है इस बारे में अयोध्या पुलिस को भी जानकारी मिल गई है इधर, अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा कि हैंड ग्रेनेड मिलने की सूचना डोगरा रेजिमेंटल सेंटर द्वारा एक पत्र के माध्यम से कैंट थाने को दिया जा चुका है मिले हुए हैंड ग्रेनेड को नष्ट किया जा चुका है इससे अधिक और इससे अधिक कोई भी जानकारी उनके पास नहीं है उन्होंने यह भी बताया उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं पता यह कहां से आया

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किसने दी पुलिस को सूचना

Ayodhya कंटोनमेंट बोर्ड के चेयरमैन मिलन निषाद ने कहां की निर्मली कुंड के रहने वाले एक स्थानीय युवक ने सबसे पहले इन हैंड ग्रेनेड को देखा उसी ने ये जानकारी मिलिट्री इंटेलिजेंस को दी थी हैंड ग्रेनेड मिलने का मामला निर्मली कुंड चौराहे के बगल स्थित नाले के पास से यह खबर आई है जहां एक तरफ सेना ने फेंसिग की है उसी के दूसरी तरफ झाड़ियों और पेड़ों के बीच ये पड़े मिले हुआ मिला है इनकी संख्या किसी ने 12 बताता है तू किसी ने 15 और कोई 18 बोर्ड के चेयरमैन ने सवाल उठाया कि आखिर जो सेना का हैंड ग्रेनेड ट्रेनिंग सेंटर है,

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वहां से लगभग ढाई से 3 किलोमीटर दूर ये हैंड ग्रेनेड कैसे वहां पर चला गया फेंकने की प्रैक्टिस नहीं की जाती है इसलिए इस पर जांच होनी चाहिए और जांच करने के बाद जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए कि किसने इस हैंड ग्रेनेड को वहां पर ला करके रखा

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जल्द की जाएगी मामले की जांच

सेना की गतिविधियों की सूचना आमतौर पर लोगों के पास नहीं होती और ना ही सेना इसे कभी भी आम लोगों तक साझा नहीं करती है हालांकि हर एक ऐसे मामले पर जांच कमेटी गहनता जांच होना चाहिए और उस जांच रिपोर्ट पर एक्शन भी दिया जाता है मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के सूत्रों की मुताबिक ट्रेनिंग और रियल एक्शन के लिए अलग-अलग तरह के एम्युनेशन का उपयोग होता है,

ट्रेनिंग के जो हैंड ग्रेनेड होते हैं वो विध्वंसकारी नहीं होते इससे अलग जो मिलिट्री एक्शन के लिए हैंड ग्रेनेड अलॉट किए जा। बहुत घातक है जब भी हैंडग्रेनेड या इस तरह के हथियार इश्यू किए जाता है उस पर एक नंबर अंकित किया जाता है जो बता देता है किसने और इन्हें कब इश्यू किया गया है

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