जब दूल्हे राजा को लाने घोडी चढ़कर निकली दुल्हनिया…..

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हमने तो बस यही सुना है की दूल्हा ही बारात लेकर अपनी दुल्हनिया लेने जाता है, आपने भी तो यही देखा होगा। मगर कभी क्या किसी दुल्हन को घोडी चढकर दूल्हा लाते हुये देखा या सुना है? अगर नहीं सुना है तो अब शादीयो की परंपरा भी बदल गई है। पहेले तो सिर्फ लडके ही घोडे पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लेने जाते थे लेकीन भई अब तो घोडी चढेंगी लडकिया।जी हा, बिहार में एक ऐसा ही अनोखा वाकया हुआ है। राज्य के गया शहर में इस अनोखी शादी की चर्चा टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई है। जब यहां पर घोडी चढ़कर दुल्हनिया दूल्हे राजा को ले जाने के लिए निकली तो लोगो ने तो अपने दान्तो तले उंगली ही दबा ली थी। अब तो शहर में हुई इस अनोखी शादी की चर्चा हर गली, हर नुक्कड पर हो रही है। शहर में मंगलवार की शाम जब बारात निकली तो सभी बराती भी अचंभित रह गए थे।

विवाह को भव्य बनाने की कसर दुल्हनिया ने पूरी की थी

  

दरअसल, गया शहर की निवासी दुल्हनिया अनुष्पा गुहा की शादी पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहने वाले जीत मुखर्जी से तय हुई थी। यह बिंदास सी दुल्हनिया इंडिगो एयरलाइंस में एयर होस्टेस की पोस्ट पर है। अन्य कपल की तरह ही इन दोनों ने भी अपनी शादी को यादगार बनाने के लिये काफी इंतजाम किए गए थे। सोने पे सुहागा इस में जो कसर रह गई थी वो तो दुल्हनिया ने ही पूरी कर दी थी।, देखें अपने दुल्हे को लेने जा रही अनुष्पा ,

मैं इंडिगो में सीनियर केबिन क्रू के पद पर काम कर रही हूं। मैं अपने पति को लाने के लिए जा रही हूं। मैंने सोचा सब लड़के ही जाते हैं ,मैं लड़की हूं, तो मैं क्यों ना जाऊं। मैं अपने पति का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने इस पर एतराज़ नहीं किया :-अनुष्का गुहा,

घोड़े पर सवार दुल्हन को देख चकरा गए लोग

दुल्हनिया जब घोड़े पर सवार होकर गया शहर के चांदचौरा स्थित सुजुआर भवन से अपने दूल्हे राजा को लाने के लिए निकली तो देखने वालों के सर चकरा गए और सभी की जुबान पर यह चर्चा होने लगी। दुल्हनिया के घोड़े पर निकलते हुए देखने के लिए शहर भर से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।

लडकिया खुद ही जाए अपना दूल्हा लेने- अनुष्पा गुहा

दुल्हनिया अनुष्पा गुहा कहेती है कि आज के समय में भी लड़के और लड़कियों में भेदभाव होना एक आम बात है और यह शायद सौ में से करीब पचास घर में किया जाता है। अब हमारे देश में लड़कियों को लड़कों के बराबर लाने के लिए ऐसी ही मुहिम की जरूरत है। इसी भेदभाव को दूर करने के प्रयास के तौर पर में घोड़े पर सवार होकर दूल्हा लेने जा रही हूं। अनुष्पा गुहा ने कहा कि मैं देश की अन्य लड़कियों से भी यही कहूंगी कि वह खुद ही अपने दूल्हे को लेने जाएं। आपको बता दें कि इस तरह की शादियां बिहार में पहले भी होती रही हैं। राज्य में कई बार दुल्हन के दूल्हे को शादी के लिए लेकर आने के खबरें सुनने में आई हैं।

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