Monkeypox: पूरी दुनिया में बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामलों को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई को ऐसे मामलों पर निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है। चूंकि अभी भारत से मंकीपॉक्स की किसी केस की जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक भारत में इस बीमारी के फैलने पर कोई बड़ी बात नहीं है। पूरी दुनिया में जो मामले सामने आए हैं। वो अफ्रीकी देशों की यात्रा के वजह से भी सामने आए हैं।
इस बीमारी को लेकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र यानी कि एनसीडीसी, स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत से संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट होने की स्थिति में शुरू की जाने वाली कई सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यवाईयों की पहचान की है।
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एनसीडीसी की एक एडवाइजरी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की उन लोगों के बारे में भी संदेह बढ़ाने के लिए कहा है। जिनके शरीर पर दाने मौजूद हैं, तथा जो बीते 21 दिनों में किसी ऐसे देश की यात्रा कर चुके हैं। जहां पर अभी हाल ही में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। पीजीआई के निदेशक डॉ विवेक लाल ने यह कहा है कि जहां तक बीमारी के लिए विशेष बिस्तरो के आरक्षण का संबंध है। इस संबंध में हम भारत सरकार की सलाह का पालन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही साथ हमें अभी तक सर्विलांस के जरिए कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
इसके साथ ही साथ पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी के पूर्व प्रमुख डॉक्टर अरुण लोक चक्रवर्ती ने यह कहा है कि हमें Monkeypox से चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये एक आत्म-सीमित बीमारी है। चूंकि जिस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। वो है डॉक्टरों को बीमारी की निगरानी के बारे में सिखाना। चेचक को एक बीमारी के रूप में देखे हुए 50 वर्ष हो चुके है, तथा अब डॉक्टरों को इसका प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है, क्योंकि मंकीपॉक्स चेचक के समान है।
लेकिन यह कम संक्रामक है, क्योंकि वायरस अभी भी धीरे-धीरे ही मानव शरीर के अनुकूल होने की कोशिश कर रहा है। अभी हाल ही में बृहन्मुंबई नगर निगम ने मंकीपॉक्स के मामलों के लिए 20 बेड वाला वार्ड बनाया है।
दुनिया में अभी कोविड-19 का खतरा खत्म नहीं हुआ था कि इसी बीच मंकीपॉक्स वायरस ने दस्तक दे दी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अभी तक 92 मंकीपॉक्स के मामले 12 देशों में दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं पर 28 मामले संदिग्ध हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सभी देशों को सतर्क रहने की सूचना दे दी है। इस बात की आशंका जताई है कि मंकीपॉक्स के मामले दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से फैल सकते हैं। इसी बीच आम लोगों के लिए मंकीपॉक्स ये नाम काफी नया होगा तथा इस बीमारी में क्या असर होता है मनुष्य पर??
इसकी अधिक जानकारी देते हुए वाॅक हार्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर भी हैरान है। पारदीवाला जो की एमडी है, इंटरनल मेडिसिन के। उन्होंने यह बताया कि बीमारी नजदीकी संपर्क बनाने से होती है। डॉक्टर ने जानकारी देते हुई यह कहा कि मंकीपॉक्स आमडॉक्स की बीमारी की तरह ही है। जैसे कि पॉक्स की बीमारी के समय शरीर पर दाने आ जाते हैं तथा फिर दानों में पानी भर जाता है एवं फिर वह सूख जाते हैं।
यह लगभग 3 हफ्ते में ठीक हो जाता है। इसकी शुरुआत चूहों से हुई है। चूहे के काटने से ही ये फैलता है। चूंकि बंदर तथा इंसानों में इसके फैलने का दूसरा माध्यम है। इसीलिए अभी तक दुनिया में 92 मामले दर्ज हो चुके हैं।
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बता दें कि जब कोई मरीज खांसता है या फिर किसी ने मरीज के साथ नजदीकी संपर्क बनाए हैं। तो यह जल्दी फैलता है। ब्रिटेन में यह कहा गया है कि जब कोई मर्द किसी दूसरे मर्द के साथ संभोग करता है। तब ये बीमारी ज्यादा फैलती है। चूंकि इस बात में कितनी सच्चाई है ये अभी तक नहीं पता लग पाया। इसके लक्षण इतने गंभीर नहीं है लेकिन ये जल्दी फैल सकता है।
जैसे कि दुनिया में जब से कोविड-19 के मामले कम होते जा रहे हैं। लोगों की भीड़ यात्राओं में बढ़ती ही जा रही है। इसीलिए मंकीपॉक्स इस बीमारी के फैलने की आशंका ज्यादा है तथा इसीलिए ऑर्गेनाइजेशन गंभीरता से देशों को सतर्कता बरतने के लिए कह रहा है।