Unique Villages
Unique Villages: हमारे देश में कई सारे ऐसे शहर या फिर गांव अपने कुछ अलग खासियत के लिए जाने जाते हैं। उन्हीं में आज बात एक ऐसे गांव की जहां के घरों की छते अपनी विशेष बनावट के लिए जानी जाती है। इस खास गांव की पहचान वहां की घरों से होती है। ये खास गांव बिहार के कटिहार जिले में मौजूद हैं।
कुर्सेला प्रखंड के बलथी महेशपुर नामक गांव में ग्राम-वासियों ने अपने घरों को एक अलग ही पहचान दी हुई है। यहां घरों की छतों पर लोग कुछ ना कुछ विशेष आकृति बनवाते हैं। उनके घरों को लोग आसानी से ही दूर से पहचान लें। यह खासियत ही इस गांव को सुर्खियों में बनाए हुए हैं। लोग इसकी खूब चर्चा करते हैं।
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बता दें कि कटिहार जिले के बलथी महेशपुर गांव के कुछ लोग ने शौकतन अपने घरों की छतों पर सीमेंट की कुछ ना कुछ विशेष आकृति बनवा ली। शौक बहुत बड़ी चीज होती है। जो इस गांव की पहचान बन गई। हालांकि आज गांव के मकानों की छतों पर वह आकृतियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित भी करती हैं। पूरे बिहार ही नहीं देश में आज ये गांव अपनी इसी खासियत के कारण से जाना जाता है।
वहीं अगर इसकी शुरुआत की बात करें तो जॉब कंसलटेंसी का काम करने वाले इस गांव के रोमी खान ने इसकी शुरुआत की थी। इस गांव के मजदूर अशोक ने रोमी से उनके घर की छत पर कुछ सीमेंट के आकृति बनवाने की और उन्हें एक मौका देने की गुंजारिश थी। रोमी अशोक के कहने पर राजी हो गए। वह अपने काम से जुड़े पहचान को कायम रखने के लिए अपने छत पर एयर इंडिया लिखा हुआ हवाई जहाज का मॉडल बनवा लिए।
इसके बाद से उनके पड़ोसी मुकेश गुप्ता ने अपनी छत पर भोले बाबा के वाहन नंदी बैल की आकृति बनवा ली। एक ने अपनी छत पर फुटबॉल के साथ ही बाज का मॉडल बनवा लिया। जबकि देखते ही देखते कई घरों ने अपनी छतों पर सीमेंट की आकर्षक एवं खूबसूरत आकृतियां बनवा ली। जिसके बाद से इस गांव की पहचान अब खास हो गई है।
इस गांव के लोग अलग-अलग प्रकार की आकृतियों का शौक रखते हैं। जिस वजह से वह अपने घरों की छतों पर सीमेंट कुछ न कुछ आकृतियां बनवा लेते हैं। आज के वक्त में इन्हीं आकृतियों की वजह से ही पूरे देश में इस गांव को एक खास पहचान मिली है।
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Unique Villages, रोमी ने जैसे ही अपने घर की छत पर हवाई जहाज का मॉडल बनवाया। उसी को देखते हुए उनके पड़ोसी मुकेश गुप्ता ने भी अपनी छत पर भोले बाबा के वाहन नंदी बैल की आकृति सीमेंट से बनवा ली। इसके बाद से एक दूसरे को लोग देखकर अपनी-अपनी छत पर सीमेंट से विशेष आकृति बनवाने लगे। इस प्रकार इस गांव में सभी घरों की छतों पर एक से बढ़कर एक आकृति देखने को मिलती है।