Twitter Blue Tick Back: 20 अप्रैल को, लगभग सभी लीगेसी अकाउंट ने अपना ब्लू टिक (Twitter Blue Tick) खो दिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद Elon Musk ने 1 मिलियन वाले अकाउंट को ब्लू टिक वापस कर दिया। आखिर क्या वजह थी जो ऐसे हुआ?
Twitter Blue Tick की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। यह वेरिफाइड चेकमार्क यूजर्स के लिए विश्वास और स्टेटस का सिंबल बन चुका था। हालांकि एलोन मस्क के ट्विटर के पदभार संभालने से पहले यूजर्स के लिए यह सुविधा फ्री में उपलब्ध थी।
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Elon Musk ने ट्विटर के नए मालिक के रूप में पदभार संभालते ही माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म में कई बदलाव किए हैं। हाल ही में, मस्क ने उन सभी अकाउंट से ब्लू टिक गायब किए थे, जिन्होंने ट्विटर ब्लू (Twitter Updates) का सब्सक्रिप्शन नहीं लिया था। मस्क के ट्विटर के टेकओवर से पहले, ब्लू टिक (Twitter Blue Tick) उन युजर्स को मिलता था जो ट्विटर के निश्चित मानदंड में फिट थे। लेकिन अब, कोई भी मंथली $8 का पेमेंट करके ब्लू टिक खरीद सकता है। भारत में ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन (twitter blue subscription price in india) की कीमत वेब के लिए 650 रुपये और मोबाइल के लिए 900 रुपये है। वहीं, कंपनियों के लिए इस सब्सक्रिप्शन के लिए पेमेंट स्ट्रक्चर अलग है।
1 अप्रैल को ही लीगेसी ब्लू टिक को हटाने की बात सामने आई थी। हालांकि, उस समय ऐसा नहीं हुआ और 20 अप्रैल को, तकरीबन सभी लीगेसी अकाउंट ने अपना ब्लू टिक खो दिया था इस लिस्ट में भारत के सेलिब्रिटी अमिताभ बच्चन, अभिनेता शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा और क्रिकेटर्स सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली जैसे लोगों के नाम भी शामिल रहे थे। वहीं राजनीतिक पार्टी से जुड़े ऑफिशियल और सरकारी मंत्रालय से भी ब्लू टिक गायब हो चुके थे।
विदेश से Pope फ़्रांसिस और हिलेरी क्लिंटन जैसी मशहूर हस्तियों का ब्लू टिक भी गायब हो चुका था। लेकिन कुछ समय बाद ही एलोन मस्क ने 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले लोगों को ब्लूटिक वापस करना शुरू कर दिया था।
एलोन मस्क के यूजर्स को ब्लू टिक वापस करने की दो वजह हो सकती है। पहला तो यह है कि यूजर्स Twitter Blue Tick खरीदने के लिए ज्यादा उत्साहित नहीं है। वहीं दूसरा है ब्लॉक द ब्लू कैंपेन, जिसने कई यूजर्स का ध्यान खींचा है।
ब्लू टिक हटाने के पीछे एलोन मस्क कि शायद यह मंशा होगी कि युजर्स ट्विटर का ब्लू सब्सक्रिप्शन लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे और कंपनी का रेवेन्यू बढ़ जाएगा। किंतु ब्लू टिक हट जाने पर यह बात खुलकर सामने आई कि जिन यूजर्स के पास लीगेसी ब्लू टिक्स था वह चेक मार्क को बरकरार रखने के लिए पेमेंट करना नहीं चाहते थे। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्लू टिक्स को हटा देने के बावजूद भी महज 28 अकाउंट ने टि्वटर ब्लू टिक के लिए साइन अप किया था। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि लीगेसी ब्लू टिक वाले सिर्फ 5% से भी कम अकाउंट ने ट्विटर की सदस्यता ली थी।
ये चाची तो फुल फॉर्म में हैं, UP NIKAY CHUNAV
बॉलिवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर एक पोस्ट लिखकर अपने ब्लू टिक की वापिसी की मांग की थी। हालांकि, कुछ समय बाद उनके अकाउंट पर ब्लू टिक दोबारा से विजिबल हो चुका था।
पिछले कुछ दिनों में ट्विटर में ‘ब्लॉक द ब्लू’ हैशटैग नजर आ रहा है। दरअसल, यह पूरा अभियान ट्विटर यूजर्स को ब्लू टिक से ब्लॉक करने के इर्द-गिर्द घूम रहा जहै। यह सब 20 अप्रैल के बाद शुरू हुआ था। यूजर्स के मुताबिक सिर्फ पैसे देने वाले लोगों के पास ब्लू टिक है, और जिन यूजर्स के एक अकाउं पर ब्लू टिक था उन्हें मूर्ख कहा गया। वहीं अब जबकि 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले यूजर्स को दोबारा से फ्री में अपना ब्लू टिक वापस मिला है, अब निष्कर्ष यह भी हो सकत है कि प्रत्येक एकाउंट जिसके पास टिक मार्क है, वह ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर (Twitter Updates) नहीं है।
Twitter Blue Tick Back, मस्क ने ट्विटर यूजर्स के लिए गोल्ड चेकमार्क और ग्रे चेकमार्क की पेशकश भी रखी हुई है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अकाउंट पर ब्लू टिक मार्क नहीं बल्कि ग्रे टिक मार्क हैं।