Trending Story: एक समय ऐसा था जब अगर हम किसी कारणवश अपने परिवार से दूर हो जाते थे तो वापस परिवार से मिल पाने की संभावनाएं एकदम शून्य होती थी,क्योंकि कोई ऐसा मुमकिन तरीका ही नहीं था जिसकी मदद से परिवार को वापस जोड़ा जा सके लेकिन अब टेक्नोलॉजी इतना आगे बढ़ चुकी है कि हम अपने परिवार को खुश रखने में काफी हद तक सक्षम हो जाते हैं और टेक्नोलॉजी का ही चमत्कार है कि 42 साल पहले एक दूसरे से जुदा हो गए भाई बहन एक बार फिर से एक दूसरे से मिल पाए, क्या है यह कहानी आपको विस्तार से बताते हैं अतः आप सभी अंत तक इसे जरूर पढ़ें।
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सबसे पहले हम आपको इस पूरे घटना की पृष्ठभूमि में ले चलते हैं तो आपको बता दें कि कोयंबटूर में अयावु और सरस्वती नामक दंपत्ति थे,जिनके विजया और राजकुमार नाम के पुत्र और पुत्री थी कुछ कारणों के चलते इस दंपत्ति को अपने बच्चों को ब्लू माउंटेन नामक एक चिल्ड्रन हाउस में रखना पड़ा।
चिल्ड्रन हाउस में रखते ही यह बच्चे अपने माता-पिता से दूर हो गए हालांकि सुखद यह बात थी कि भाई बहन एक साथ थे लेकिन शायद प्रकृति को यह भी मंजूर नहीं था कि यह भाई बहन भी एक साथ रह सके अतः कुछ समय बाद यह भाई बहन भी एक दूसरे से बिछड़ गए।
माता पिता ने निजी कारणों से इन बच्चों को चिल्ड्रन होम में डाल दिया उसके बाद डेनमार्क के एक कपल ने राजकुमार को गोद ले लिया, वहीं पर एक अमेरिकी दंपत्ति ने राजकुमार की बहन विजया को गोद ले लिया और इस प्रकार राजकुमार डेनमार्क और विजया अमेरिका पहुंच गई.
और माता-पिता से दूर होने के बाद यह छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे से भी काफी दूर हो गए शायद इन दोनों में से कभी भी यह नहीं सोचा होगा कि जिंदगी में वापस फिर यह एक दूसरे से मिल सकेंगे लेकिन आज फिर वापस एक दूसरे से मिल चुके हैं, यह कैसे संभव हुआ इस लेख में हम आपको आगे बताएंगे।
इस Trending Story को अच्छे से समझने के लिए हमें पहले यह बात स्पष्ट तौर पर समझनी होगी कि गोद लेने के बाद इन बच्चों को क्या नई पहचान मिली तो आपको बता दें कि डेनमार्क के जिस दंपत्ति ने राजकुमार को गोद लिया उन्होंने इस बालक को नया नाम दिया.
इस Trending Story में कैस्पर नाम का अर्थात राजकुमार को दुनिया में कैस्पर के नाम से जाना गया जबकि इसकी बहन बिजया को डाएन नाम दिया गया और उसको दुनिया डाएन के नाम से जानती है इस प्रकार राजकुमार और विजया का अस्तित्व समाप्त हो गया और एक नई पहचान कैस्पर और डाएन के रूप में सामने आई।
आपको बता दें कि इस Trending Story में कैस्पर को बचपन से ही लगता था कि वह डेनमार्क के उस परिवार का हिस्सा नहीं है जिस परिवार में वो रहता था क्योंकि उनका रंग रूप बोलचाल सब कुछ एक दूसरे से बिल्कुल अलग था तो हकीकत पता करने उस चिल्ड्रन होम पहुंच गया जहां वह रहा करता था.
लेकिन यह चिल्ड्रन होम तब तक बंद हो चुका था इसलिए उसे कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी लेकिन वहां के कर्मचारियों ने उसको उसकी फैमिली की कुछ फोटो जरूर दिखाएं इन फोटोस को देखने के बाद इस पर काफी परेशान था क्योंकि वह अपने परिवार को ढूंढना चाहता था लेकिन वह मिल नहीं रहा था, फिर दोस्तों ने सुझाया एक नया आइडिया और उस आईडिया पर चलकर अपने परिवार तक पहुंच सका।
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आपको बता दें कि चिल्ड्रन होम पहुंचने के बाद भी जब कैस्पर को अपने परिवार के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिली तो वह काफी परेशान हो गया उसकी परेशानी को देखकर उसके दोस्तों ने उसे उसका डीएनए सैंपल चेक करने वाली कंपनी को अपना DNA देने को कहा, कैस्पर ने ऐसा ही किया और अपना सैंपल DNA कंपनी को दे दिया और उसे मिलाने को कहा।
कुछ दिन बाद उसे अमेरिका से माइकल नाम के एक व्यक्ति का फोन आया यह माइकल उसकी बहन का बेटा था उसकी बहन ने भी अपना सैंपल कंपनी में मैचिंग के लिए दे रखा था ताकि वह भी अपने परिवार को ढूंढ सके और मिल सके इस प्रकार दोनों का सैंपल एक दूसरे से मैच हो गया। इस Trending Story में माइकल ने फोन करके कैस्पर को बताया कि वह उसकी बहन का बेटा है 2019 में पहली बार कैस्पर और डाएन ने आपस में बात की और 2022 में वह एक दूसरे से मिल सके।
इस प्रकार टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक खोजों के आधार पर एक दूसरे से बरसों पहले बिछड़े छोटे भाई बहन फिर से एक दूसरे से मिल पाये। क्या आप के संपर्क में भी किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसा कुछ हुआ है अगर हां तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बतायें।