Trending News: इंटरनेट और इलेक्ट्रिक मीडिया से पहले लोग अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ने के लिए लाइब्रेरी जाया करते थे। लाइब्रेरी उसे दौर में लोगों के लिए ज्ञान हासिल करने का सबसे बेस्ट स्थल होता था। लोग घंटों बैठकर अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ते रहते थे। इतना ही नहीं लोग अपनी पसंदीदा किताबों को घर पर भी ले जाते थे और तय समय के बाद किताबों को वापस लौटा देते थे। लेकिन अब जमाना बिल्कुल ही बदल चुका है।
वर्तमान समय में इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कारण लोग अपनी पसंदीदा किताबों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी नहीं जाते बल्कि अपने मोबाइल या डेस्कटॉप पर ही इंटरनेट की सहायता से अपनी पसंद की किताबों और समाचार को पढ़ लेते हैं।
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Trending News कई बार ऐसा भी होता था कि लाइब्रेरी से किताबें घर लेकर आने के बाद लोग किताबों को वापस देना भूल जाते थे। कुछ लोग दंड भुगतान के डर से लाइब्रेरी को किताब वापस लौटाने ही नहीं जाते थे। ऐसा कई लोगों के साथ होता था। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वाक्या वायरल हो रहा है, जिसे पढ़ने के बाद आपको भी अपने पुराने दिन याद आ जाएंगे। हम भी अक्सर अपने स्कूल, कॉलेज या अपने मोहल्ले की लाइब्रेरी से किताबें लेकर आते थे। हम में से कुछ लोग उसे समय पर ही लौटा देते होंगे और कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने उनकी किताबों को कभी वापस ही नहीं लौटाया होगा।
दरअसल, हाल ही में अमेरिका के ओक्लाहोमा का एक वाक्य सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जहां एक शख्स ने करीब 46 सालों के बाद लाइब्रेरी को किताब वापस की है। इस खबर के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर सनसनी मच गई है। साथ ही लाइब्रेरी की ओर से शेयर की गई किताब की तस्वीर भी लोग शेयर कर रहे हैं।
दरअसल, अमेरिका के ओक्लाहोमा मैं एक शख्स को 46 साल बाद अपने घर के बुक सेल्फि या घर के किसी अलमारी में से एक किताब मिली। शायद वह व्यक्ति 46 सालों पहले उस किताब को पढ़ने लाया होगा और किसी कारण से लाइब्रेरी को वह किताब लौटाना भूल गया होगा। किंतु, जैसे ही इस शख्स को इतने लंबे अरसे बाद यह किताब मिली उसने फौरन ही लाइब्रेरी को किताब वापस लौटाई दी थी।
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Trending News वहीं,ओक्लाहोमा की सेंट्रल लाइब्रेरी ने भी पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर ओक्लाहोमा ओवासो लाइब्रेरी ने अपने पोस्ट में किताब और उस टोकन की एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें 8 सितंबर 1976 लिखा हुआ है।
वहीं, ओवासो लाइब्रेरी ने पुस्तक की एक तस्वीर शेयर करते हुए, उस शख्स को थैंक यू कहा है कि उसने 4 दशकों के बाद भी इस किताब को वापस लौटाया है।