Transgender
Transgender: बीकानेर में एक बड़ा ही आया था और दिल खुश करने वाला मामला हुआ है। दरअसल यहां पर किन्नर समाज के अध्यक्ष ने बिना बाप की दो बेटियों की शादी करवाई है। इन लड़कियों को अपनी लड़की समझकर उनका कन्यादान किया और अपने मरे हुए किन्नर गुरु के वादे को पूरा किया है।
आमतौर पर यही होता है कि Transgender के सदस्यों को हम किसी शादी या खुशी के अवसर अवसर पर नाचते हुए या गाते हुए देखते हैं। किंतु, बीकानेर में किन्नरों ने बिना बाप की दो लड़कियों की शादी करवा कर इंसानियत की एक अनोखी मिसाल कायम कर दी है।
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दरअसल, इस अनूठी मिसाल को पेश करने वाली मुस्कान बाई अग्रवाल बीकानेर के किन्नर समाज की अध्यक्ष हैं। गरीब और जरूरतमंद परिवार के लोगों को सहायता करना इनका स्वभाव है। इसलिए अक्सर ही मुस्कान बाई जरूरतमंद लोगों की समय समय पर मदद करती रहती है। इस बार उन्होंने कुम्हार मोहल्ले में रहने वाली गरीब परिवार की दो बेटियों का ब्याह करवा दिया है।
शादी के सभी खर्चो का किया वहन
इस गरीब परिवार में 7 बहनें, एक भाई और एक मां कुल मिलाकर 9 सदस्य हैं। परिवार के मुखिया यानी इन लड़कियों के पिता रामलाल की साल 2017 में ही मृत्यु हो चुकी थी! रामलाल के चले जाने के बाद उनकी पत्नी बुद्धि देवी ही छोटा-मोटा काम कर कर किसी भी तरह अपने परिवार का निर्वाह कर रही थी। बीते सप्ताह परिवार की दोनों सबसे बड़ी बेटियां बसंती और ममता की शादी थी। इस शादी का सारा खर्चा ही किन्नर समाज की मुख्य मुस्कान बाई ने उठाया था!
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खबरों के अनुसार मुस्कान बाई की स्वर्गीय गुरु रजनी बाई रामलाल के परिवार में बेटा होने की खुशी में उनके घर बधाई देने पहुंची थी। लेकिन जब वहां पहुंची तो एक अनहोनी हो चुकी थी इत्तेफाक से उसी दिन रामलाल की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी अपनी बेटियों और बेटे की जिम्मेदारी को लेकर काफी चिंतित और दुखी थी।
उसी दिन रजनी बाई ने राम लाल की पत्नी बुद्धि को सांत्वना देते हुए उनसे बेटियों की शादी कराने का वादा किया था। किंतु, यहां भी कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। अपने इस वादे को पूरा करने से पहले ही रजनी बाई भी इस दुनिया को अलविदा कह चुकी। अब उनकी जगह लेने के बाद किन्नर समाज की अध्यक्ष मुस्कान बाई ने अपने गुरु रजनी बाई के इस वादे को पूरा कर अनोखी मिसाल कायम की है।
किन्नर समाज ने इन दोनों बहनों की शादी बड़ी ही धूमधाम से की थी। इतना ही नहीं शादी में आने वाले सभी मेहमानों को सर्वश्रेष्ठ भोजन से लेकर दहेज में दिए गए सभी जेवर और जरूरत के सामान का खर्च भी खुद ही उठाया है।