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swami vivekananda jayanti 2022: भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस को मनाया जाता है। 12 जनवरी के दिन युवा राष्ट्रीय दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है कि हमारे देश के युवाओं को एवं छात्रों को स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके उच्च विचारों तथा उनके जीवन दर्शन को जानकर उन्हें अपने जीवन में खरा उतारने के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था और आज 2022 में इनकी 159 वी जयंती मना रहे हैं और राष्ट्रीय युवा दिवस 2022 की थीम है यह सब दिमाग में है( It’s all in the mind )।
swami vivekananda jayanti 2022 के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसे मनाने का निर्णय 1984 में लिया गया था और पहली बार 1985 को चिन्हित किया गया swami vivekananda jayanti 2022 का दर्शन और जिन आदर्शों के लिए वे जाने जाते थे और जो काम करते थे । वह भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसलिए 12 जनवरी 1863 में कोलकाता में हुआ था। इनके बचपन में इन्हें नरेंद्रनाथ दत्त के नाम से जानते थे। इनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे । पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे । अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ा कर पाश्चात्य सभ्यता के रास्ते लाना चाहते थे लेकिन माता धार्मिक विचारों की महिला थी। उनका समय भगवान शिव की पूजा अर्चना में व्यतीत होता था। नरेंद्रनाथ दत्त की बुद्धि बचपन से ही बहुत तेज थी। ईश्वर को पाने की इच्छा प्रबल थी इसलिए भी ब्रह्म समाज में गए किंतु उनके चित्र को वहां संतुष्ट नहीं मिली। सन 1884 में इनके पिता स्वर्ग सिधार गए । परिवार की जिम्मेदारी इनके ऊपर आ गई । इसके बाद सन 1879 में 16 साल में उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से साहित्य दर्शन और इतिहास की शिक्षा को पूर्ण किया लोकप्रिय और जिज्ञासु शिष्य थे।
सन 1881 में इनकी भेंट गुरु रामकृष्ण परमहंस से हुई। राम कृष्ण जी ने नरेंद्र को विश्वास दिलाया कि ईश्वर है। और मनुष्य ईश्वर को पा सकता है । परम सत्य के रूप में ईश्वर की अनुभूति पाने में नरेंद्र को मार्गदर्शन दिया। नरेंद्रपुर शिक्षा जी की सेवा कभी दान नहीं बल्कि सारी मानवता में ने ईश्वर की सचेतन आराधना होनी चाहिए। यह उपदेश उनके जीवन का प्रमुख दर्शन बन गया। शक्तिपात के कारण नरेंद्र कुछ दिनों तक उनमन्त से रहे। उन्हें गुरु द्वारा आत्म दर्शन का ज्ञान हो गया था। गुरु से प्रेरित होकर 25 वर्ष की अवस्था में नरेंद्र नाथ ने सन्यासी जीवन बिताने का दीक्षा ली स्वामी विवेकानंद के नाम से विख्यात हुए।
सन 1893 में शिकागो में विश्व धर्म परिषद हो रही थी। नरेंद्र नाथ वहां भारत के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे। यूरोप और अमेरिका के लोग भारतीय लोगों को ही नजर से देखते थे। उस परिषद में उनके विचार सुनकर सभी को चकित कर दिया । इनके भक्तों की भीड़ लग गई। 3 वर्ष तक अमेरिका में रहे। 39 साल की उम्र में विवेकानंद जी ने वह काम किए जो आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे । 30 साल की आयु में अमेरिका के विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और सार्वभौमिक पहचान दिलवाई ।इन्होंने योग , राजयोग तथा ज्ञान योग जैसे ग्रंथों की रचना की। और विश्व को नई राह दिखाई स्वामी विवेकानंद जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने अपने ध्यान के नियम को नहीं बदला।
मोदी जी को वोट दिए थे सोचे थे, लायक बनेंगे अब सब नालायक कहते है
भारत की स्वर कोकिला ICU में हैं। इन्होंने गाए हैं 50000 से भी अधिक हिट सॉन्ग।
swami vivekananda jayanti 2022 जी को दमा और शर्करा और अन्य शारीरिक व्याधियों ने भी घेर लिया था और 4 जुलाई 1902 में बेलूर में रामकृष्ण मठ में इन्होंने ध्यान मग्न अवस्था में अपने प्राण त्याग दिए। swami vivekananda jayanti 2022 जी की शिक्षा और प्रथाओं का युवाओं पर गहरा प्रभाव देखने को मिला इसलिए भारत सरकार द्वारा 12 जनवरी 1984 को युवा राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया। 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।