Agra: यूपी के कानपुर के बाद से अब आगरा में मामूली बात पर दो समुदायों के बीच जमकर पथराव हुआ। जानकारी के मुताबिक पूरी घटना बाइक की मामूली सी टक्कर से शुरू हुई थी। पथराव ताजगंज के बसई खुर्द क्षेत्र में हुआ। जानकारी के मुताबिक बसई खुर्द इलाके में सड़क बनाई जा रही है तथा दोनों और टाइल्स पड़े हुए हैं। हालांकि एक मोटरसाइकिल सवार वहां से गुजर रहा था। तभी उसकी बाइक मोटरसाइकिल स्लिप हो गई व एक व्यक्ति से टकरा गई। इसके बाद से दोनों के बीच कहासुनी हो गई तथा कहासुनी अचानक पथराव में बदल गई।
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जानकारी के मुताबिक दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। पथराव की सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया। पर कानपुर के बाद से अब आगरा में पथराव से प्रशासन अलर्ट पर हैं। वहीं पर कानपुर हिंसा मामले में पुलिस रविवार को पांच और अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अभी तक कुल 29 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी सहित गिरफ्तार लोगों को रविवार को स्पेशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार ने यह बताया कि सोमवार यानी कि आज ही कोर्ट के सामने आरोपी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में लेने के लिए अर्जी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि रविवार को पांच और आरोपियों की गिरफ्तारियों के साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या अभी तक 29 हो गई है। जबकि 100 से अधिक आरोपियों की पहचान हो चुकी है।
कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। उन्होंने यह कहा कि हम जांच करेंगे कि क्या दंगाइयों का पीएफआई के साथ कोई संबंध है। पीएफआई ने उसी दिन मणिपुर और पश्चिम बंगाल को बंद करने का आह्वान किया था। पुलिस कमिश्नर ने यह कहा कि एसआईटी की निगरानी पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) संजीव त्यागी करेंगे। इसी के साथ ही अपर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) ब्रजेश श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त (अनवरगंज) असलम खान तथा कर्नलगंज के त्रिपुरारी पांडे द्वारा भी सहायता की जाएगी।
इसी बीच कानपुर में पथराव की घटना के पीछे ही साजिश के तार खुल रहे हैं। कानपुर में हिंसा से पीएसआई का सीधा कनेक्शन जुड़ रहा है। उसमें से कुछ पीएफआई से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जफर हाशमी के दफ्तर से भी पीएफआई की स्टूडेंट विंग सीएफआई के दस्तावेज मिले हैं।
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यह बताया जा रहा है कि बवाल के बाद से जफर हयात हाशमी लखनऊ के अपने दफ्तर में छिपा था। इसके दफ्तर से कुछ यूट्यूब चैनल भी चलाए जाते थे। इन चैनलों के जरिए ही 3 जून को कानपुर बंद की अपील जारी की गई थी। हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो भी बताते हैं कि यह पूरी साजिश थी। एक वीडियो में यह दिखा कि उग्र भीड़ अपने साथ एक थैला लेकर चल रही है। हालांकि इसी ठेले पर पत्थरों का जखीरा है। हिंसा में शामिल तीन से चार लोग इस ठेले को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं और बाकी इस ठेले से उठाकर पत्थर बरसा रहे हैं।
जांच में पता चला है कि चंदेश्वर हाथा में रहने वाले हिंदू परिवार निशाने पर थे। हालांकि शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद से कानपुर में अभी भी तनाव है। पुलिस जल्द ही हर आरोपी को गिरफ्तारी करने की कोशिश में लगी है।