Social Media; इतिहास में पहली बार ही पाकिस्तानी सेना में दो हिंदू अधिकारियों को लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक की पदोन्नत के बाद से social media पर हलचल मच गई है। पाकिस्तान के अधिकारिक media ने इसकी जानकारी दी। ये एक ऐसा कदम है जिसने इस रूढ़िवादी मुस्लिम बहुल देश में social media पर काफी रूचि पैदा की है। Media reports में यह कहा गया है कि पाकिस्तान आर्मी प्रमोशन बोर्ड द्वारा पदोन्नति को मंजूरी दिए जाने के बाद से मेजर डॉक्टर कैलाश कुमार तथा मेजर डॉक्टर अनिल कुमार को लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नति किया गया है। स्थानीय media reports के मुताबिक सिंध प्रांत के थारपारकर जिले की रहने वाले कैलाश कुमार वर्ष 2019 में हिंदू समुदाय से देश के पहले मेजर भी बने थे।
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कैलाश का जन्म वर्ष 1981 में हुआ था जमशोरो में लियाकत यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल हेल्थ एंड साइंसेज से एमबीबीएस पूरा करने के बाद से 2008 में एक कप्तान के रूप में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए थे। अनिल कुमार सिंध प्रांत के बदीन के रहने वाले कैलाश से 1 साल छोटे ही हैं। खबरो के अनुसार वह 2007 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए थे। गुरुवार को ही सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन कैलाश कुमार के प्रमोशन को लेकर ट्वीट किया। पीटीवी ने यह ट्वीट किया कि कैलाश कुमार लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदोन्नति होने वाले पहले हिंदू अधिकारी बन गए हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के अधिकारियों के लिए सक्रिय प्रचारक कपिल देव ने इस खबर को उठाया। कपिल देव ने ट्वीट किया कि कैलाश कुमार ने पाक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदोन्नत होने वाले पहले हिंदू अधिकारी बनकर इतिहास रचा है। बधाई हो कैलाश!! उन्होंने शुक्रवार को फिर से ट्वीट पर अनिल कुमार के प्रमोशन की खबर साझा की। पाक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदोन्नत होने पर अनिल कुमार को बधाई। उन्हें तथा कैलाश कुमार दोनों को प्रमोशन मिला।
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अभी तक दोनों प्रमोशन के बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि तो नहीं है। हिंदू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को 2000 तक पाकिस्तान सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। जबकि हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार देश के लगभग 75 लाख हिंदू रहते हैं। पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी है जहां वह मुसलमानों के साथ संस्कृति, परंपरा तथा भाषा साझा करते हैं।