Saharanpur के गंगोह थाना क्षेत्र में हाईस्कूल परीक्षा देकर लौट रहे छात्रों को महंगी केंद्र पर मुंह लपेट कर आए कुछ लोगों ने उनपर धाराधार हथियारों से हमला कर दिया। जिसमें गांव शकरपुर निवासी 4 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसके बेहतर इलाज के लिए घायलों में से 3 छात्रों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। वहीं घायल छात्रों के परिजनों ने कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। वहीं मामले में कार्रवाई ना होने से गुस्साए परिजन बुधवार को महिलाओं के साथ कोतवाली पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी को मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
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आप को बता दें, कि गंगोह कोतवाली क्षेत्र के गांव शकरपुर निवासी छात्र मयंक, वंश, प्रणव और सुमित मंगलवार दोपहर को दो बाइक से हाईस्कूल का पेपर देकर वापस अपने गांव लौट रहे थे। जैसे ही चारों छात्र गंगोह नानौता रोड पर अनाज मंडी के पास पहुंचे तो पीछे से आए अज्ञात 4 बाइक सवार युवकों ने उनकी बाइक रोक ली। इससे पहले कि छात्र कुछ समझ पाते, उन हमलावरों ने उन पर लाठी-डंडों और सरियों से हमला कर दिया।
हमले में चारों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों की मदद से घायल छात्रों को गंगोह सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां से 3 छात्रों को गंभीर हालत के चलते प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
घायल छात्रों के परिजनों ने कोतवाली में तहरीर देकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज ग्रामीण बुधवार को महिलाओं के साथ कोतवाली पहुंचे और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। कोतवाली के सामने जाम लगाकर धरने पर बैठ गये। कोतवाली प्रभारी जसवीर सिंह, क्षेत्राधिकारी गंगोह चंद्रपाल शर्मा द्वारा समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी ग्रामीण नहीं माने और वह कुछ घंटे में गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े रहें और थाने बाहर धरना प्रदर्शन करते रहें। इस दौरान पुलिस महकमें हडंकंप मच गया।
पुलिस किसी भी तरह से इस धरने को खत्म कराना चाहती थी लेकिन ग्रामीण नहीं और सीओ गंगोह से कहा कि जिन्होने हमारे बच्चों पर हमला किया है, जबतक उन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती हम तबतक हम इस धरने प्रदर्शन को खत्म नहीं करेंगे और ये प्रदर्शन जारी रहेगा। इस दौरान गिरफ्तारी में देर होने पर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ लगाई मुर्दाबाद के नारे लगाए।
थाने के बाहर जाम लगाने वालों में महिलाएं भी शामिल रहीं। उन महिलाओं का कहना है कि उन्होने थाने में तहरीर दे दी है। तहरीर में दो लोग नामजद हैं। जिसके बाद भी पुलिस लापरवाही करते हुए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस दौरान प्रदर्शकारी महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं वह अपनी जिद्द पर अड़ी रहेंगी और जाम लगाए रहेंगी।
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हमले में घायल हुए छात्रों के माता पिता ने बताया कि हमले के वक्त उनके चारों बच्चे साथ में थे, अचानक से 5 से 6 लोग आए और हमारे बच्चों को बेरहमी से मारा, जिससे हमारे बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हमें न्याय चाहिए और तुरंत ही, हम इसलिए ही घरने पर बैठे हैं, क्योकि पुलिस प्रशासन कुछ नहीं करके आरोपियों को बचा रही है। हमारे 15-15 साल के बच्चे जख्मी हालत में आईसीयू में लेटे हुए हैं, अबतक उन्हे होश भी नहीं आया है,
हमारे एक बच्चे के सर में 16 टांके लगे हैं और एक के सर में 12 टांके लगे हैं। वहीं इस संबंध में क्षेत्राधिकारी गंगोह चंद्रपाल शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।