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Russia Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के दौरान रूस अपनी ओर से दुश्मन देश के खिलाफ लड़ने वाले विदेशियों की संख्या नहीं बताता है.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध करीब 2 सालों से जारी है. इस दौरान दोनों पक्षों के लगभग लाखों लोगों की जान भी जा चुकी है. इसके बावजूद किसी भी प्रकार युद्ध के रुकने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. हालांकि, इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विदेशी नागरिकों के लिए एक तरह के ऑफर की घोषणा की है. उन्होंने गुरुवार यानी 4 जनवरी को एक आदेश जारी कर के यूक्रेन में रूस के लिए लड़ने वाले विदेशी नागरिकों को और उनके परिवार के लिए रूसी नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति भी दे दी. इसके अलावा भी नागरिकता हासिल करने वालों को 100 गुना सैलरी देने का भी वादा किया गया है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेशानुसार जिन भी लोगों ने मॉस्को के विशेष सैन्य अभियान के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, वो लोग आसानी से अपने पूरे परिवार सहित रूसी पासपोर्ट हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्हें इसके लिए कुछ ऐसे कागजात दिखाने होंगे, जिसमें उन्होंने कम से कम साल तक के लिए रूस के साथ बतौर सैनिक काम करने वाले समझौते पर साइन किया हो.
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इस आदेश के मुताबिक सिर्फ वो लोग रूस की नागरिकता हासिल कर पाएंगे, जिन्होंने रशिया के नियमित सशस्त्र बलों या फिर अन्य “सैन्य संरचनाओं” के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. राष्ट्रपति पुतिन के इस कदम से अब ऐसा लग रहा है कि वह सैन्य अनुभव रखने वाले विदेशियों को काफी अधिक से अधिक रूसी सेना में शामिल करवा सकें. दरअसल, रिपोर्ट है कि युद्ध में रूस अपने बहुत ज्यादा सैनिकों को खो चुका है, क्योंकि यूक्रेन की सेना उन पर कुछ भारी पड़ रही है.
यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के दौरान रूस अपनी ओर से दुश्मन देश के खिलाफ लड़ने वाले विदेशियों की संख्या नहीं बताता है. हालांकि, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने क्यूबा के लोगों पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें क्यूबा के लोगों को 100 गुना तक ज्यादा सैलरी देने की बात शामिल थी. उस दौरान वैगनर की तरफ से सेना में भर्ती किए गए 3 अफ्रीकियों में से 2 की मौत भी हो गई थी.
एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में अब तक रूस के 3 लाख 15 हजार सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने के समय में रूस की सेना में करीब 90 फीसदी तक लोग मौजूद थे, जिसमें अब जाकर कमी आ गई है.