Right of Wife: भारतीय संस्कृति में पति– पत्नी का रिश्ता बहुत ही खास माना गया है । जहां शादी के बाद पति पत्नी गृहस्थी रूपी गाड़ी चलाने की शुरुआत करते हैं तो वहीं यहीं से परिवार को नींव भी पड़ जाती है । भारतीय संस्कृति में पत्नी को अर्धांगिनी कहा गया है जिसका मतलब है कि पत्नी और पति के न सिर्फ दुख सुख साझा हो जाते हैं बल्कि पत्नी पति की संपत्ति पर भी अपना हक रखती है । पर क्या आप जानते हैं कि पत्नी का पति की प्रॉपर्टी पर कितना हक होता है ?
ससुराल में और सास ससुर की संपत्ति पर कितना हक होता है? आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसकी जानकारी देंगे साथ में ये भी बताएंगे कि कानून इस विषय में क्या कहता है।
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शादी के बाद ही पत्नी पति के साथ ससुराल आ जाती है। पति की कमाई हुई दौलत और प्रॉपर्टी पर पत्नी का भी हक हो जाता है हालांकि यह कई स्थितियों पर निर्भर करता है । कई बार हम ऐसे मामलों को देखते हैं जहां पति पत्नी के झगड़ों में अक्सर प्रॉपर्टी का भी मामला होता है । ऐसी स्थिति में ज्यादातर हम लोगों को कानून के बारे में पता ही नहीं होता या आधी अधूरी जानकारी होती है । बता दें कि पत्नी पति की प्रॉपर्टी पर अपना हक रखती है लेकिन तभी जब पति ऐसा चाहे।
भारतीय कानून के अनुसार पति ने यदि कोई जमीन, कोई दौलत या किसी भी तरह की संपत्ति अपनी मेहनत से कमाई है तो उसपर पहला हक उसका खुद का होता है । पति अपनी कमाई हुई संपत्ति को बेच सकता है, गिरवी रख सकता है या किसी और को भी दान दे सकता है । इसपर पहला हक उस व्यक्ति का ही होता है जिसने यह संपत्ति कमाई है ।
बता दें कि इस संपत्ति पर पत्नी तब तक दावा नहीं कर सकती जब तक पति जीवित है । हालांकि यदि पति जीवित रहते पत्नी को संपत्ति के मालिक के तौर पर नामित करता है या जीवित रहते पत्नी के नाम वसीयत करता है तो पति की संपत्ति पर पत्नी कानूनी रूप से उत्तराधिकारी हो जाती है ।
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जैसा कि माना जाता है कि ससुराल में आते ही पत्नी उस परिवार का अंग हो जाती है पर कुछ परिस्थितियों को छोड़कर पत्नी को सास ससुर की संपत्ति पर अधिकार नहीं होता है । सास ससुर द्वारा अर्जित की गई संपत्ति पर पहला हक खुद सास ससुर का ही होता है । और इस पर पत्नी न तो उनके जीते जी न ही उनके मरने के बाद ही क्लेम कर सकती है । सास ससुर की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति पर कानूनी रूप से अधिकार उसके बेटे का हो जाता है ।
हालांकि यदि सास ससुर के अलावा पति की भी मृत्यु हो जाती है तो संपत्ति पर पत्नी का स्वामित्व हो जाता है । हालांकि इसके लिए भी यह जरूरी है कि मृत्यु से पहले सास ससुर या पति ने उस प्रॉपर्टी की वसीयत किसी और के नाम न की हो ।
भारतीय कानून के अंतर्गत पत्नी को यह अधिकार मिलते हैं कि वह पति से अलग होने की स्थिति में या तलाक की स्थिति में पति से गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है । शादी के बाद यदि पति पत्नी अलग होने का फैसला करते हैं तो धारा 24 के अंतर्गत पत्नी पति से रहने खाने का खर्च मांग सकती है । वहीं घरेलू हिंसा अधिनियम और सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भी महिला पति से जीवन भर के लिए गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है।