Qutub minar history मंगलवार को कुतुब मीनार परिसर में 27 मंदिरों के होने के दावे पर दिल्ली स्थित साकेत जिला अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तथा दिल्ली सर्कल को भेजा गया है। साकेत कोर्ट में यह याचिका भगवान विष्णु तथा जैन देवी देवताओं की तरफ से दायर की गई है। 11 मई को याचिका पर अगली सुनवाई होगी।
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Qutub minar history इस पूरे मामले पर जैन देवी देवताओं तथा भगवान विष्णु के वकील विष्णु शकर जैन ने यह बयान दिया है। उन्होंने यहा कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को तोड़ा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को साबित करने की भी जरूरत नहीं है। वकील विष्णु शंकर जैन ने यह बताया कि पिछले 800 सालों से हम पीड़ित हैं तथा अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं। उन्होंने एएसआई एक्ट 1958 का जिक्र करते हुए यह कहा कि इसके अनुसार संरक्षित स्मारकों में भी उपासना तथा पूजा का अधिकार दिया जा सकता है।
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Qutub minar history आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि साकेत कोर्ट में दायर अपील में सिविल जज के इस मामले में दिए आदेश को खारिज करने की भी मांग की गई है। सिविल जज ने कुतुबमीनार में 27 मंदिरों की बहाली की मांग को भी ठुकरा दी थी।
Qutub minar history दरअसल वर्तमान समय में दाखिल याचिका में यह आरोप लगाया है कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को मंदिर के स्थान पर बनाया गया है। जबकि याचिका में दावा किया गया था कि इस परिषद में 27 मंदिर थे।