Presvu Eye Drops
Presvu Eye Drops: क्या आपको भी आंखों की रोशनी कम होने के कारण बिना चश्मे के टीवी देखने या प्रिंट पढ़ने में परेशानी हो रही है? तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है। अब एक आई ड्रॉप से 15 मिनट के अंदर आपकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए वापस आ जाएगी। दो साल से अधिक के विचार-विमर्श के बाद, भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने पढ़ने के चश्मे की आवश्यकता को खत्म करने के लिए भारत की पहली आई ड्रॉप को मंजूरी दे दी है। ये आई ड्रॉप अगले महीने अक्टूबर, 2024 से देश के बाजार में उपलब्ध होंगे।
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मुंबई स्थित एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने मंगलवार को पाइलोकार्पिन का उपयोग करके बनाया गया ‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप लॉन्च किया। यह दवा नेत्रगोलक के आकार को कम करके प्रेसबायोपिया का इलाज करती है। इस तरह किसी भी चीज़ को करीब से देखने में मदद मिलती है। प्रेस्बायोपिया की स्थिति उम्र से संबंधित है और करीब की चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की आंखों की क्षमता के नुकसान पर काम करती है।
मिडिया को दिए इंटरव्यू में एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ निखिल के. मसूरकर ने कहा, ”दवा की एक बूंद सिर्फ 15 मिनट में काम करना शुरू कर देगी और इसका असर छह घंटे तक रहेगा। यदि दूसरी बूंद पहली बूंद के तीन से छह घंटे के भीतर दी जाती है, तो प्रभाव लंबे समय तक रहेगा।” ऐसा कहा जा रहा है कि, अब तक पढ़ने के चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या कुछ सर्जिकल उपचारों के अलावा धुंधलापन, दृष्टि दोष के लिए कोई दवा नहीं है।
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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ निखिल के. मसुरकर ने कहा, “डीसीजीआई से यह अनुमोदन भारत में Eye Care में क्रांति लाने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स प्रेस्वू आई ड्रॉप महज एक उत्पाद नहीं है; यह एक ऐसा समाधान है जो लाखों लोगों को बेहतर विज़न फ्रीडम प्रदान करके उनके जीवन को बेहतर बना सकता है।”
एंटोड फार्मास्यूटिकल्स नेत्र, ईएनटी और स्किन साइंस दवाओं में विशेषज्ञता रखती है और 60 से अधिक देशों में निर्यात करती है। अक्टूबर के पहले विक में, प्रिस्क्रिप्शन-आधारित ड्रॉप्स फार्मेसियों में 350 रुपये की कीमत पर उपलब्ध होंगे। यह आई ड्रॉप्स 40 से 55 वर्ष की एज ग्रुप के लोगों में लो लेवल से मीडियम लेवल प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए है।
मसूरकर का दावा है कि यह दवा भारत की पहली दवा है जिसका परीक्षण भारतीय आंखों पर किया गया है और इसे भारतीय आबादी की आनुवंशिक संरचना के अनुरूप ढाला गया है।