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Presidential Elections: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष किसे बनाएगा उम्मीदवार, सामने आया यह नाम

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Presidential Elections: राष्ट्रपति चुनावों के अब कुछ ही दिन बचे हैं ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों की तरफ से संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे हैं । हालांकि अभी तक किसी भी दल ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन देश के प्रथम व्यक्ति के चुनाव के नजदीक आते ही कयास लगने शुरू हो गए हैं ।

बता दें कि भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल अगले महीने 24 जुलाई को खत्म हो रहा है । ऐसे में राष्ट्रपति भवन में जाकर कौन बैठेगा इस पर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं और बीजेपी से लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वोटों के गुणा- भाग लगाने में व्यस्त हो गए हैं ।

18 जुलाई को होगी वोटिंग,21 को नतीजे

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भारत के Presidential Elections की तारीख करीब आती जा रही है । निर्वाचन आयोग ने वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी के लिए होने वाले चुनावों के लिए तिथियों की घोषणा कर दी है । चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट 18 जुलाई को डाले जाएंगे जबकि वोटों की गिनती और चुनाव परिणाम 21 जुलाई की शाम तक घोषित होंगे । निर्वाचन आयोग के राष्ट्रपति चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा करते ही सभी दलों में सरगर्मी तेज हो गयी है

जहाँ केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने भी अपनी खेमेबंदी चालू कर दी है वहीं कांग्रेस ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं । बता दें कि भाजपा भले ही मजबूत स्थिति में है और केंद्र तथा कई राज्यों में सत्ता सीन है किंतु राष्ट्रपति चुनाव में उसे अपने उम्मीदवार को जिताने में खासी मशक्कत करनी पड़ेगी ।

विपक्ष की तरफ से इस नाम पर चर्चा तेज

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भारत की सबसे पुरानी पार्टी और मौजूदा समय में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस भी Presidential Elections में अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है । सूत्रों के अनुसार अभी तक कोई नाम तो पार्टी ने घोषित नहीं किया है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस राज्यसभा सदस्य रहे गुलाम नबी आजाद को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार घोषित कर सकती हैं । हालांकि यह देखना होगा कि कांग्रेस के उम्मीदवार पर विपक्ष सहमति बना पाता है या नहीं । वैसे सम्भावना कम ही है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवार के लिए विपक्ष को एकजुट कर सके ।

चूंकि विपक्ष बिखरा हुआ है इसलिए कांग्रेस की राह भी आसान नहीं है । हालांकि उम्मीद की जा रही है कि TMC राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है । दूसरी ओर कांग्रेस गुलाम नबी आजाद को उम्मीदवार इसलिए बनाने का मन बना रही है क्योंकि आजाद के नाम पर विपक्ष को एकजुट किया जा सकता है । बता दें कि गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा सदस्य रहते और विपक्ष की भूमिका निभाते समय उनके लगभग हर पार्टी के सदस्य से अच्छे सम्बन्ध रहे थे । हालांकि ऐसा तभी होगा जब tmc अपना खुद का कोई कैंडिडेट चुनाव में नहीं उतारती है ।

इन नामों पर चल रही है चर्चा

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Presidential Elections की सरगर्मियां तेज होते ही तमाम राष्ट्रपति उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे हैं । केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से लेकर अमिताभ बच्चन, पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जुअल ओरांव और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके के नाम सामने आ रहे हैं । बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार कोई नया कार्ड खेल सकती हैं । चूंकि 2024 में आम चुनाव भी हैं इसलिए आगामी चुनावों की रणनीति बनाते समय बीजेपी इस बात का भी ध्यान रखेगी ।

सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने जहां पिछली बार दलित कार्ड खेलकर रामनाथ कोविंद को देश के सर्वोच्च पद पर सत्तासीन किया था वहीं इस बार वह आदिवासी कार्ड खेल सकती है । दूसरा कारण ये भी है कि करीब 13 हजार वोट NDA के कम पड़ रहे हैं ऐसे में आदिवासी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाने को लेकर अन्य दलों से सहमति बन सकती है ।

ये है वोटों का गणित

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आगामी Presidential Elections के लिए बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य दल वोटों का गणित बिठाने में लग गए हैं । जानकारी के अनुसार भाजपा नीत NDA( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए 48.5% वोट हैं जबकि गैर NDA पार्टियों के पास मत प्रतिशत 51.5% है । UPA( संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की बात करें तो उसका वोट प्रतिशत करीब 25 % है । बता दें कि इस वक्त राज्यों में कुल 4790 विधायक हैं जिनके वोटों का मूल्य करीब 5.4 लाख होता है । वहीं इस वक्त सांसद करीब 767 हैं जिनके वोटों का मूल्य भी इतना ही 5.4 लाख पहुंचता है ।

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विधायक और सांसदों को मिलाकर कुल वोट 10.8 लाख होता है । बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विधायक और सांसद के वोटों के मूल्य के आधार पर चुनाव होता है। एक विधायक के वोट का मूल्य राज्य की आबादी और विधायकों की संख्या के आधार पर तय होता है वहीं सांसदों के वोट का मूल्य विधायकों के वोटों के कुल मूल्य में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की संख्या से भाग देकर ज्ञात किया जाता है।

बता दें कि इस वक्त NDA के पास 5 लाख 26 हजार 420 वोट हैं जबकि UPA गठबंधन के पास 2 लाख 59 हजार 892 वोट हैं । जबकि अन्य दलों के पास जिनमे tmc, ysr कांग्रेस, बीजद, SP और लेफ्ट के पास 2 लाख 92 हजार 894 वोट हैं ।

ये पार्टियां रहेंगी गेम चेंजर

माना जा रहा है कि आगामी Presidential Elections में दो क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं । YSR कांग्रेस और बीजद जैसी कम चर्चित पार्टियों के पास राष्ट्रपति चुनाव की चाभी रहेगी ये पार्टियां जिस तरफ वोट करेंगी उसी तरफ का कैंडिडेट विजयी होगा । हालांकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से YSR कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी और बीजद के नवीन पटनायक ने मुलाकात की थी जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये दोनों पार्टियां NDA उम्मीदवार को ही वोट देंगी ।

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