PM Narendra Modi: शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों तथा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन उद्घाटन सत्र में हिस्सा भी लेंगे। पीएम कार्यालय ने एक बयान में शुक्रवार को ये जानकारी दी। उसके अनुसार राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन को पीएम मोदी संबोधित भी करेंगे।
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6 साल के बाद यह सम्मेलन हो रहा है। इससे पहले वर्ष 2016 में ये सम्मेलन हुआ था। पीएमओ ने कहा है कि वर्ष 2016 से अभी तक सरकार ने अवसंचरण में सुधार तथा “ईकोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट”के अंतर्गत अदालती प्रक्रिया में डिजिटल प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने के लिए अलग-अलग कदम उठाए हैं। सम्मेलन न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा करने का एक मंच है। हालाकी अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी न्यायमूर्ति रमण ने प्रस्ताव को सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनाया गया है।
संबंधित कार्यक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह बताया है कि न्यायिक रिक्तियों को भरने, ऑफिस के प्रारूप एवं अदालत चरण-तीन, कानूनी सहायता सेवाएं तथा लंबित मामलों जैसे विषय एजेंडे के सिर पर रखे गए हैं। न्यायमूर्ति रमण तथा केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन के बाद से अलग-अलग कार्य सत्र आयोजित किए जाएंगे। जिसमें सीएम तथा मुख्य न्यायाधीश एजेंडे में शामिल विषयों पर चर्चा करेंगे एवं आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास भी करेंगे।
सामान्य तौर पर इस प्रकार के सम्मेलन प्रत्येक 2 साल में होते हैं। लेकिन कुछ अपवाद है। अप्रैल 2016 को पिछला सम्मेलन आयोजित किया गया था। ये इससे पूर्व 2015 तथा इससे पहले भी 2013 में आयोजित किया गया था। कुछ माह पहले न्यायमूर्ति रमण ने अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के वास्ते भी भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना के लिए भी सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था।
बता दें कि प्रस्तावित संगठन भारतीय अदालत प्रणाली के लिए कार्यात्मक बुनियादी ढांचे के नियोजन, विकास, निर्माण, प्रबंधन तथा रखरखाव के लिए प्रारूप तैयार करने में एक केंद्रीय निकाय के रूप में काम करेगा। सरकार ने अभी हाल ही में संसद को यह सूचित किया गया था कि प्रस्ताव राज्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया है क्योंकि उच्च न्यायालयों न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य सरकारों की प्रमुख भूमिका होती है।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित ये कार्यक्रम वर्ष 2016 के बाद से अब हुआ। इसमें सभी जजों ने न्यायपालिका से जुड़े हुए अहम सवालों पर चर्चा की। चीफ जस्टिस रमना ने बताया है कि सभी हाईकोर्ट के सहयोग के चलते पिछले 1 साल में जजों के 126 खाली पद भरे जा चुके हैं। जल्द ही 50 नए जजों की भी नियुक्ति होगी।