बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानद फेलोशिप देगा। कोरोना महामारी में बेहतर मैनेजमेंट के लिए प्रधानमंत्री को चुना गया है। 27 नवंबर को वह वाराणसी में होंगे। संस्थान की तरफ से बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने कोविड काल से उबरने के बाद भारत की हेल्थ सिस्टम को बेहद बेहतरीन कर दिया। वहीं पर ऑक्सीजन बैंक से लेकर हाइटेक हॉस्पिटल तथा उसकी सुविधाओं में कई गुना का इजाफा किया। 26 से 28 नवंबर के बीच वाराणसी ‘आईएमएस-बीएचयू’ में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी 61वां वार्षिक सम्मेलन हो रहा है।
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इस समारोह के मुख्य अतिथि तेलंगाना के राज्यपाल एवं पुडुचेरी के उपराज्यपाल डॉक्टर तमिलिसाई सुंदराराजन है। वहीं पर सम्मान समारोह के अतिथि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड तथा प्रभारी कुलपति प्रोफेसर पीके शुक्ला होंगे। इस सम्मेलन के संरक्षक प्रोफेसर बीआर मित्तल है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के डीन रिसर्च तथा आयोजक सचिव प्रोफ़ेसर अशोक कुमार ने यह बताया कि 2 दिनों में कुल 10 वैज्ञानिक सत्र होंगे। सम्मेलन के दौरान ही 7 व्याख्यान, 7 पुरस्कार पत्र तथा 48 पोस्टर प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अलावा टेलीमेडिसिन पर संगोष्ठी भी होगी। एक सत्र चिकित्सा शिक्षा पर भी रखा गया है, जो मेडिकल सेक्टर के तमाम पहलुओं पर विचार करेगा। इस सम्मेलन में 52 डॉक्टर व वैज्ञानिकों को फेलोशिप दी जाएगी। वहीं पर 106 युवा डॉक्टरों को सदस्यता भी प्रदान की जाएगी।
वर्ष 1961 राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी की स्थापना हुई थी। भारत में हेल्थ सर्विसेज की योजनाओं एवं मैनेजमेंट की बड़ी भूमिका अकादमी निभाता है। भारत में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं तथा उनकी अग्रहरी योगदान के लिए लोगों को इसकी मानद फेलोशिप दी जाती है। अकादमी के वर्तमान अध्यक्ष प्रोफेसर सरोज सी. गोपाल तथा सचिव प्रोफेसर डीके गुप्ता है।