Places of Worship Act 1991: भारत खोदो योजना में हर रोज मस्जिदों की लिस्ट बढ़ती जा रही है… उधर कांग्रेस ने सांप्रदायिकता का मुकाबला करने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के रामलीला मैदान से खरगे ने कहा कि कांग्रेस नेता संभल जाएंगे और दंगे में मारे गए लोगों से मिलेंगे। लेकिन अब मामला सिर्फ संभल का नहीं है। हिंदुत्व के ठेकेदारों ने आग ऐसी लगाई है कि संभल के बाद बदायूं और उत्तरकाशी में भी बवाल शुरू हो गया है।
पिछले 10 दिनों में संभल और उत्तरकाशी में मंदिर मस्जिद के नए मामले सामने आए हैं… लेकिन लिस्ट इतनी भर नहीं है… संभल की जामा मस्जिद के अलावा बहुत सारी मस्जिदें हैं जो हिंदुत्व के ठेकेदारों के निशाने पर हैं… लेकिन आज के वीडियो में बदायूं की जामा मस्जिद और उत्तरकाशी की बात डिटेल में करेंगे…
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कि मोदी और शाह तो मोहन भागवत की बात भी नहीं मानते हैं। ये लोग लाल क़िला, ताज महल, चार मीनार, सब तुड़वाकर उसके नीचे कुछ ढूंढेंगे… आज देश में हर जगह सर्वे वाले ये पता लगा रहे हैं कि कहां पहले मंदिर था और कहां मस्जिद थी… लेकिन 2023 में मोहन भागवत ने कहा था कि हमारा लक्ष्य राम मंदिर बनाने का था… हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढ़ना गलत है। जब बीजेपी आरएसएस वाले ही ये बातें कह रहे हैं तो फिर सर्वे के नाम पर खोद-खोदकर झगड़ा क्यों लगाया जा रहा है।
लेकिन आप सेफ रहने ही नहीं दे रहे हैं। सच्चाई ये है कि काटने वाले भी आप हैं और बांटने वाले भी आप हैं। ये कांग्रेस पार्टी का स्टैंड है। खरगे का स्टैंड है… संभल में दंगे के बाद से ही सपा और कांग्रेस के नेता पीड़ितों से मिलने के लिए जाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन इजाजत नहीं दे रहा है। 10 दिसंबर तक संभल में बाहरी लोगों के घुसने पर बैन लगा दिया गया है। देखना है कि यूपी की सरकार कब तक विपक्ष को रोक पाती है और कब तक विपक्ष मंजूरी का इंतजार करता है। इस बीच उत्तरकाशी में माहौल गरमाने लगा है। संभल के बाद उत्तराखंड की सरकार पर उंगली उठने लगी है।
Places of Worship Act 1991: धामी सरकार ने पहले हाईकोर्ट से कहा था कि उसने 1 दिसंबर को किसी महापंचायत की इजाजत नहीं दी है। लेकिन संयुक्त सनातन धर्म रक्षा संघ और विश्व हिंदू परिषद ने मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर 1 दिसंबर को महापंचायत करने का ऐलान कर दिया। इसी बीच धामी सरकार ने उत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव का ट्रांसफर कर दिया। क्योंकि महीने भर पहले अमित श्रीवास्तव ने मस्जिद की तरफ बढ़ रही भीड़ को रोकने के लिए सख्ती दिखाई थी। ये बताता है कि किस तरह से उत्तराखंड की
24 अक्तूबर को उत्तरकाशी में मस्जिद के खिलाफ संयुक्त सनातन धर्म रक्षा संघ ने जनाक्रोश रैली निकाली थी, लेकिन पुलिस के साथ भिड़त हो गई… पथराव और लाठीचार्ज में 9 पुलिस वाले घायल हो गए… इसके बाद उत्तराखंड की सरकार ने स्थानीय एसपी का ट्रांसफर कर दिया। हौसला बढ़ा तो हिंदू संगठनों ने 1 दिसंबर को महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में हैदराबाद के विधायक टी राजा, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और स्वामी दर्शन भारती ने भाषण दिया। टी राजा सिंह ने कहा कि उत्तरकाशी और उत्तराखंड के लोगों एक हो जाओ।
सीएम जाकर यूपी के सीएम से चाय पर चर्चा करें और किस तरह से अवैध मस्जिदों, मजारों और अवैध कब्जा करने वालों को सबक सिखाते हैं। टी राजा का कहने का मतलब था कि धामी योगी से ट्यूशन लेकर आएं… बीते चार महीने से उत्तरकाशी की मस्जिद को बवाल चल रहा है… और
Places of Worship Act 1991: मामला कोर्ट में है… संभल मामले में चीफ जस्टिस ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश तो दे दिया। लेकिन कोर्ट के आदेश के 24 घंटे के भीतर ही बदायूं की जामा मस्जिद का मामला सुर्खियों में आ गया। 2022 में हिंदू महासभा ने इस मस्जिद को लेकर दावा किया था कि इस मस्जिद में नीलकंठ महादेव का मंदिर है। मामले में अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। केस बदायूं के सिविल जज की सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। पिछली सुनवाई में मस्जिद की प्रबंधन कमेटी ने अपना पक्ष रखा था। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि बदायूं की जामा मस्जिद में मंदिर का कोई अस्तित्व ही नहीं है…
हिंदू महासभा को वाद दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। मस्जिद साढ़े आठ सौ साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। वहीं हिंदू महासभा ने जामा मस्जिद में पूजा की अनुमति मांगी है। इस मामले में अभी इस बात पर बहस चल रही है कि केस सुनवाई के लायक है कि नहीं… सरकारी वकील अपनी बहस पूरी कर चुके हैं और अब मुस्लिम पक्ष को अपनी बहस पूरी करनी है। हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक और केस में वादी मुकेश पटेल ने कहा कि हमने पूरे साक्ष्यों के साथ कोर्ट में दावा किया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। इसकी पूरी उम्मीद है।
और मध्य प्रदेश की कमल मौला मस्जिद के बाद बदायूं की जामा मस्जिद को भी जोड़ लीजिए… इन सभी मस्जिदों के केस कोर्ट में है… और कोर्ट क्या कर रही है… आप जानते हैं… कोर्ट हर मामले में याचिका स्वीकार कर रही है और ये सीधे तौर 1991 के उपासना स्थल कानून का उल्लंघन है। वैसे हिंदुत्व के ठेकेदारों का दावा 1800 से ज्यादा मस्जिदों पर है…
लेकिन वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद, आगरा का ताजमहल, दिल्ली का कुतुब मीनर, धार की कमल मौला मस्जिद, दिल्ली की कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद… मध्य प्रदेश में विदिशा स्थित बीजा मंडल मस्जिद, जौनपुर की अटाला मस्जिद… बंगाल के मालदा की अदीना मस्जिद… गुजरात के पाटन की जामा मस्जिद… अहमदाबाद की जामा मस्जिद… यूपी के संभल की जामा मस्जिद… राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह… तेलंगाना के बोधन की देवल मस्जिद…
उज्जैन की बिना नींव की मस्जिद… उत्तरकाशी की सुन्नी मस्जिद… वाराणसी की धरहरा मस्जिद… लखनऊ की टीली मस्जिद… ये वो मस्जिदें हैं जो हिंदुत्व के ठेकेदारों की लिस्ट में टॉप पर हैं। बदायूं और उत्तरकाशी का मामला बताता है कि हिंदुत्व के ठेकेदार किसी की बात नहीं सुनते हैं..
Places of Worship Act 1991: राजू दास हनुमानगढ़ी अयोध्या वाले ने तो एक्स पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टैग करते हुए लिखा कि मुस्लिम मुक्त भारत बनाने में हिंदुओं को 15 सेकेंड भी नहीं लगेंगे… सरकार और सुप्रीम कोर्ट कान खोलकर सुन लो… हमारे सभी मंदिर जो मुगलों और कांग्रेस के द्वारा कब्जा की हुई हैं… उसको तुरंत मुक्त करें… ये व्यक्ति सीधे सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहा है…
President Droupadi Murmu क्यूं नहीं करती मेकअप, बच्चों के सवाल का दिया मजेदार जवाब
मेरे भाई को पुलिस ने गोली मारी… उसकी तड़प तड़प कर मौत हो गई, क्या हुआ संभल के जामा मस्जिद में ?
क्या उसके लिए ये मैटर करता है… इस देश के मुसलमानों को कोर्ट का नाम लेकर धमकाया जा रहा है… राजू दास के अलावा एक और बाबा धीरेंद्र शास्त्री भी आजकल हिंदुओं को एकजुट करने के लिए यात्रा निकाल रहे हैं। उन्हें एक करोड़ कट्टर हिंदुओं की तलाश है और वे लगातार यूपी में अपनी यात्रा लेकर चल रहे हैं। इस यात्रा में खेसारी लाल से लेकर संजय दत्त तक शामिल हो रहे हैं… सवाल ये है कि इन सबके पीछे कौन है? और
Places of Worship Act 1991: दरअसल बीते दस साल में नरेंद्र मोदी की सरकार ने आरएसएस की हालत ऐसी कर दी है कि अब कोई भी मोहन भागवत का लोड नहीं लेता है… अगर लोड लेते तो मोहन भागवत ये नहीं कहते कि नए जोड़ों को दो तीन से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए… क्योंकि लालकिले से तो नरेंद्र मोदी जनसंख्या वृद्धि को रोकने की बात करते हैं और भागवत कहते हैं कि दो तीन से ज्यादा बच्चे पैदा करो… इसका मतलब है कि मोदी अलग रास्ते पर चल रहे हैं और भागवत अलग रास्ते पर चल रहे हैं… सवाल तो ये भी है कि मोहन भागवत…
Places of Worship Act 1991: जो ज्यादा बच्चे पैदा करने को कह रहे हैं… तो क्या ये सलाह मुसलमानों के लिए भी है… क्योंकि देशहित में जैसे ही मुसलमान भागवत की सलाह पर अमल करेंगे… अंधभक्त सब चिल्लाने लगेंगे कि अब्दुल ज्यादा बच्चे पैदा कर रहा है… गोदी मीडिया रोज इस पर बहस करने लगेगा. गोदी एंकर माइक लेकर मुसलमानों के घर पहुंच जाएंगे… सवाल करने लगेंगे कि इतने बच्चे क्यों? अगर किसी ने कह दिया कि मोहन भागवत ने कहा था तो… अंधभक्त क्या करेंगे। इसीलिए कौन कितने बच्चे पैदा करेगा ये औरतों को तय करने दें… पुरुषों के पास क्षमता नहीं है कि वे बच्चे को जन्म दे सकें… और मोहन भागवत को भी ये बात समझनी होगी…
और ये बढ़ने वाला है… कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने मोहन भागवत पर पलटवार करते हुए कहा कि जो पहले से हैं… उनको तो नौकरियां दिलवा दो, नौकरियां हैं नहीं, खेती की जमीन कम हो रही हैं। और भागवत चाहते हैं कि दो से ज्यादा बच्चे हों। मोहन भागवत चीन से सीख नहीं ले पा रहे… और वो जनसंख्या के मामले में देश को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं। उमंग सिंघार ने कहा कि मेरा सुझाव है कि मोहन भागवत, पीएम मोदी और सीएम योगी से शुरुआत करवाएं…
Places of Worship Act 1991: इन्हें जनसंख्या की इतनी चिंता है तो शुरुआत भी इन्हीं से होनी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि जनसंख्या बढ़ानी चाहिए लेकिन क्या वह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को कुछ फायदा मिले? क्या वह गरीब परिवारों को हर महीने 1500 रुपये देंगे… लेकिन हर मस्जिद के नीचे मंदिर तलाश रहे लोगों को अखिलेश यादव ने सही सलाह दी है…
Places of Worship Act 1991: चीन ने वहां कब्जा जमा रखा है। वहां जाना चाहिए और बीजेपी के सभी लोगों को वहां पैदल मार्च करना चाहिए… सबसे आगे बीजेपी के लोग हों। ऐसा करने से कम से कम भारत के पास कैलाश पर्वत और मानसरोवर तो होगा… संभल के दंगे की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन हो गया है। लेकिन तनाव का माहौल कायम है… विपक्ष पीड़ितों से मिलने जाना चाहता है… लेकिन पुलिस प्रशासन नहीं चाहता… आखिर यूपी की सरकार संभल में क्या छुपाना चाहती है… देखना ये है कि पुलिस का ये रवैया कब तक जारी रहता है।