

पेट्रोल – डीजल के दाम जिस तेजी (petrol inflation in india) से बढ़ रहे हैं यदि सरकार का रुख नहीं बदला तो वह दिन दूर नहीं जब पेट्रोल डेढ़ सौ के पार हो जाएगा। पेट्रोल डीजल की महंगाई की मार से आम आदमी को बहुत सी परेशानियां आ रही हैं और इसका सीधा असर आम जनता और सबसे अधिक मध्यमवर्गीय परिवारों पर हो रहा है । जनता की आमदनी बड़ा नहीं रही है जितनी महंगाई हो रही है और सभी को मजबूरन इतना महंगा पेट्रोल खरीदना पड़ रहा है।
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पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से आम जनता बहुत परेशान हैं व्यक्ति अपना दिन भर काम करता है और पेट्रोल डलवाने जाता है तो वह पेट्रोल डलवाते डलवाते घरेलू अन्य खर्च का मन में हिसाब लगाता जाता है कि घरेलू अनावश्यक खर्चो पर पैसों की बचत हो पा रही है या नहीं।
ऐसा नहीं है कि जिसके घर में गाड़ी वाहन नहीं है तो उसे पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का कोई असर नहीं होगा हर व्यक्ति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों से जुड़ा हुआ है। आप सब्जी लेने जाते हैं तो उस पर भी पेट्रोल डीजल की महंगाई का असर होता है। आप पर किसी ना किसी रूप में महंगाई की मार में शामिल है। किसानों पर भी यह बात लागू होती है जब उन्हें सिंचाई करनी होती है तो डीजल की आवश्यकता होती है और डीजल की बढ़ती कीमतों से किसान लगातार परेशान है। यदि किसानों की कुल उत्पादित हुई फसल मे से कुल लागत निकाल दें तो किसानों के पास कुछ नहीं बचा रह जाएगा वह उत्पादित फसल से भी अधिक लागत लगा चुका होता है।
मार्केट स्टडी और साख निर्धारण करने वाली कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि अगले साल तक ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें $110 प्रति बैरल तक हो सकती हैं यह वर्तमान में $ 85 प्रति बैरल से 30% अधिक है। गोल्डमैन सैक्स कंपनी ने अगले साल का अनुमान लगाया है कि कच्चे तेल की कीमत $147 प्रति बैरल के ऑल टाइम हाई लेवल तक भी पहुंच सकती हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 108.29 रुपए और डीजल की कीमत 97.02 रुपए है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल तक दिल्ली में पेट्रोल 125 से 130 रुपए प्रति लीटर हो सकता है। पहली बार जुलाई में पेट्रोल के दाम 100 पार गए कर गए थे लेकिन अब इस लगातार पेट्रोल की होती महंगाई से आम जनता त्राहिमाम कर रही है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार है अपना दाम बढ़ाने, महंगाई करने का रुख नहीं बदल रहे हैं।
यदि विदेशों से आने बाला कच्चा तेल महंगा होता है तो हमारे यहां हमारे देश में भी इसे महंगा बेचा जाता है लेकिन विदेशों में यदि कच्चे तेल के दाम कम होते हैं तो देश में इसके दाम कम नहीं किए जाते हैं आम जनता को उसी दाम पर खरीदना पड़ता है जो सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। विदेशों में कच्चे तेल की सस्ते होने का फायदा केंद्र को होता है।