Parliament Session : राज्यसभा में बुधवार को सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। यह घटना उस समय हुई जब नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए और उनका माइक बंद कर दिया गया। इस पर जया बच्चन ने सभापति के टोन और व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई।
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जया बच्चन ने बोला कि मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई है। अब हम स्कूल के बच्चे नहीं रह गए हैं। अब हम सभी एक वरिष्ठ सदस्य हैं जब नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी बोलने के लिए खड़े हुए तो आपने माइक बंद कर दी। यह तो परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने आगे बोल कि मैं एक कलाकार हूं। बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशन समझती हूं। सर, मुझे माफ करिए लेकिन आपका टोन सही नहीं है।
Parliament Session : इस पर सभापति धनखड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जया जी, आपने बड़ा सम्मान हासिल किया है। आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट होता है। आप वो नहीं देख पाती हैं, जो मैं यहां से देखता हूं। मेरी टोन और मेरी भाषा पर बात की जा रही है, पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट पर नहीं चलता हूँ उन्होंने बोला मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है।”
धनखड़ ने आगे कहा, “मैं यह सब बर्दाश्त नहीं करूंगा।” इसके बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच हंगामा शुरू हो गया और विपक्ष ने नाराज होकर सदन का बहिष्कार कर दिया।
Parliament Session : सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए जया बच्चन ने कहा, “मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई है। हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं। हम सब वरिष्ठ हैं। जब नेता विपक्ष बोलने के लिए खड़े हुए, उन्होंने माइक बंद कर दी। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है। अगर आप उन्हें बोलने नहीं देंगे तो हम यहां क्या करने आए हैं? वो हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि ‘आप सेलिब्रिटी होंगी, मुझे फर्क नहीं पड़ता’… ये महिलाओं का अपमान है। मुझे माफी चाहिए।
इससे पहले, सोमवार को भी राज्यसभा में जया बच्चन और सभापति धनखड़ के बीच एक विवाद हुआ था। जया बच्चन ने अपने नाम को लेकर आपत्ति जताई थी जब सभापति ने उनके पूरे नाम को पुकारा था। जया ने कहा था कि उन्हें अपने नाम, पति के नाम और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन सदन में उनका पूरा नाम पुकारना एक नया नाटक है जो पहले नहीं होता था।
इस पर सभापति धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा कि चुनाव प्रमाण पत्र पर जो नाम दर्ज है, उसे बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है, लेकिन सदन में वही नाम लिया जाएगा जो प्रमाण पत्र में दर्ज है।
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जया बच्चन ने यह भी सवाल उठाया कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने नाम के बाद अपनी पत्नी का नाम क्यों नहीं जोड़ा। इस पर खट्टर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “जहां तक मेरी पत्नी के नाम की बात है, इस जन्म में तो संभव नहीं है, इसके लिए अगले जन्म तक इंतजार करना होगा।”
यह घटना संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ती तकरार का एक और उदाहरण है, जहां वरिष्ठ सदस्यों के बीच भी गरमागरम बहस होती रहती है।