Bank: केंद्र में मोदी सरकार के दोबारा आने के बाद से सरकारी उपक्रमों का निजीकरण बढ़ा है । अब इसी क्रम में खबर आ रही है कि सरकार जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र के दो सरकारी बैंकों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है । हालांकि अभी इस पर अंतिम रूप से निर्णय नहीं लिया गया है । सूत्रों के मुताबिक इसी मानसून सत्र में सरकार संशोधन विधेयक पारित करवाकर इन बैंकों को निजी हाथों में सौंप देगी ।
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केंद्र सरकार इन बैंकों का नाम लगभग फाइनल कर चुकी है । बस मानसून सत्र में संविधान संशोधन करने की देर है। बता दें कि इन बैंकों के लिए बोलियां भी आना शुरू हो गयी हैं । सरकार बैंकों के लिए संविधान में संशोधन करके 20 % की तय सीमा को हटाने की तैयारी में है । और यह काम इसी वित्तीय वर्ष के मध्य यानी सितंबर तक करने की सरकार की योजना है । सरकारी सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक बैंकों के नाम शॉर्ट लिस्ट कर लिए गए हैं ।
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार इस वर्ष 3 बैंकों का प्राइवेटाईजेशन करने जा रही है । इसमें उन्होंने एक बैंक का नाम जाहिर किया था जबकि 2 बैंकों के नाम कार्य समूह की बैठक के बाद फाइनल किये जाने की जानकारी दी थी । जिस एक बैंक का नाम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिया था वह सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक IDBI bank था ।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए यह भी बताया था कि नीति आयोग ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के नाम निजीकरण के लिए फाइनल कर लिए हैं । यही नहीं उन्होंने एक बीमा कंपनी को भी बेचे जाने की बात कही थी।
सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को लगातार प्राइवेटाईजेशन करने की घोषणाओं के बाद जमकर विरोध हो रहा है । जिन सरकारी बैंकों को बेचे जाने की बात चल रही है उनके कर्मचारी लंबे समय से विरोध कर रहे हैं । वहीं सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही है । विरोध दर्ज कराते हुए इन सरकारी उपक्रमों में नौकरी करने वाले लोग अपनी नौकरी और भविष्य गंवाने की आशंकाओं से ग्रस्त है। उन्हें महसूस हो रहा है कि प्राइवेट हाथों में जाते ही उनकी रोजी रोटी पर संकट आ जायेगा।
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केंद्र सरकार द्वारा दो और Bank के निजीकरण की घोषणा के बाद सबके जहन में अनेकों आशंकायें तैर रही हैं । लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं । तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ये दो कौन से बैंक हैं जिनका सरकार निजीकरण इसी साल सितंबर तक करने की तैयारी कर रही है । सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये दो बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक हैं । सरकार इन दोनों बैंकों को निजी हाथों में देने की तैयारी लगभग कर चुकी है बस मानसून सत्र में बिल पास होने की देर है।