Nitin Gadkari
Nitin Gadkari: परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय (MoRTH) के प्रयासों से बीते कुछ सालों में देश में सड़कों की दशा में तेजी से विकास और विस्तार हो रहा है। इस दिशा में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गड़करी (Nitin Gadkari) लगातार बड़े कदम उठाते हुए सड़क व सुरक्षा तक सभी कामों को पुख्ता करने पर जोर दे रहे हैं। नितिन गडकरी ने संसद में यह घोषणा की है कि सरकार द्वारा जल्द ही GPS ( जीपीएस) आधारित टोल ट्रैकिंग सिस्टम लागू की जाएगी। इस सिस्टम के एक्टिव हो जाने के बाद चालक को किसी भी टोल प्लाजा पर नहीं रूकना पड़ेगा क्योंकि टोल की राशि GPS Imaging के जरिए वसूल की जाएंगी।
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इलेक्ट्रिक टोल प्लाजा सिस्टम से टोल नाकों पर लगने वाला समय कम हो गया है। लेकिन अब जल्द ही हमें इन टोल प्लाजा से भी छुटकारा मिल जाएगा। इलेक्ट्रिक टोल प्लाजा के बाद अब सरकार एक और कदम आगे बढ़ाते हुए GPS तकनीक से टोल वसूलने की तैयारी में लगी है। टोल कलेक्शन के लिए GPS सिस्टम लागू होते ही सभी टोल नाके भी हटा दिए जाएंगे। टोल प्लाजा गाड़ियों के रुकने या जाम में फंसने की समस्या से तेल भी अधिक ख़र्च होता है लेकिन इस सिस्टम के लागू होते ही तेल की भी बचत होगी।
संसद के बजट सत्र में केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि- ”सड़कों के मामले में सरकार ने आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करना शुरू किया है। देश में फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक टोल का 97 परसेंट कलेक्शन हो रहा है। मार्च 2021 तक टोल वसूलने से सरकार को 34,000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है और अब इस जीपीएस के ज़रिए टोल वसूलने से अगले पांच सालों में यह आय 1.34 लाख करोड़ हो बढ जाएगी।अब मैं एक जीपीएस सिस्टम लागू करना चाहता हूं। टोल ही नहीं रहेंगे इसका मतलब यह नहीं कि टोल खत्म हो जाएगा। आपकी गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगा दिया जाएगा और यह सिस्टम अनिवार्य भी कर दिया गया है।
ट्रांसपोर्ट मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि, “भारत में टोल प्लाजा की जगह पर GPS बेस्ड ट्रैकिंग सिस्टम लाने के लिए नई पॉलिसी घोषित की जाएंगी हैं। आने वाले कुछ ही दिनों में GPS के जरिए ही टोल टैक्स का कलेक्शन होगा। ” ट्विटर पर Nitin Gadkari ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय मार्ग (नेशनल हाईवे) पर हर 60 किमी में एक टोल प्लाजा होगा, इसके अलावा बीच में आने वाले सभी टोल अगले तीन महीनें तक हटा लिए जाएंगे। गौरतलब बात है कि टोल की प्रक्रिया पहले से आसान और कम समय लेने वाली हो गई है। अब जब टोल हट जाएंगे तो चालकों को कहीं भी रुकना ही नहीं पड़ेगा।
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फिलहाल माना जा रहा है कि पहले चरण में इसे जनवरी 2019 के बाद ख़रीदी गईं सभी कमर्शियल गाड़ियों के लिए लागू किया जाएगा क्योंकि उनमें जीपीएस सिस्टम अटैच हैं। उस बाद इस प्रणाली के दूसरे चरण में सभी निजी वाहनों को भी शामिल किया जाएगा।
इस बात से इन्कार नहीं है कि जीपीएस सिस्टम से टोल प्लाजा लागू होने पर सभी यात्रियों और चालकों के लिए सवारी बड़ी ही सुविधाजनक हो जाएगी। किंतु अगर हम दूसरी तरह से सोचते हैं तो देश में कई सारे ऐसे टोल प्लाजा है जो बिल्कुल ही बंद कर दिए जाएंगे और इसका असर होगा उन टोल प्लाजा पर काम करने वाले लोगों पर। जी हां इस सिस्टम के लागू होते ही लाखों लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे क्योंकि जब टोल प्लाजा क्योंकि जब टोल प्लाजा बंद होंगे तो जाहिर सी बात है कि वहां काम करने वाले कुछ लोगों की नौकरी भी जाएगी।