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Aditya L1 Mission: सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, पिता किसान, बेटी ने संभाली आदित्य एल1 मिशन की कमान, जानें कौन हैं निगार शाजी

Aditya L1 Mission

Aditya L1 Mission: सूर्य का अध्य्यन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर तक दूर ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। अब आदित्य एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर जाकर के सूर्य को सूर्य नमस्कार करेगा। यह प्रोजेक्ट निगार शाजी के नेतृत्व में ही किया जा रहा है। सूर्य मिशन की कमान संभाल रही निगार शाजी की इस समय पूरी दुनिया भर में चर्चा हो रही है ।

Nigar Shaji जिसने संभाली Aditya L1 Mission की कमान

Aditya L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) वक्त के साथ विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में बहुत ही आगे बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 से लेकर के आदित्य एल 1 मिशन तक को दुनिया के सामने पेश कर के भारत ने स्वर्णिम इतिहास रचा। सूर्य का अध्य्यन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर तक दूर ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। आदित्य एल-1 अब पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर जाकर सूर्य को ‘सूर्य नमस्कार’ करेगा।

ISRO, Aditya-L1 Mission

ISRO: इसरो का यह खास प्रोजेक्ट एक महिला के नेतृत्व में किया जा रहा है उनका नाम है निगार शाजी (Nigar Shaji)। सूर्य मिशन की कमान संभाल रही निगार की इस समय पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। वह इस समय इसरो में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर है। बहुत ही सौम्य और हमेशा मुस्कुराते रहने वाली निगार ने सूर्य मिशन को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ 8 सालों तक कड़ी मेहनत भी की थी।

कौन हैं Nigar Shaji ?

Nigar Shaji (Aditya L1 Mission)

निगार शाजी वर्ष 1987 में इसरो में शामिल हुई। काफी वक्त और कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ते हुए वह भारत के पहले सौर मिशन के परियोजना निदेशक बनीं। 59 वर्षीय शाजी पहले रिसोर्ससैट-2ए के सहयोगी परियोजना की निदेशक थी। वह प्लेनेटरी मिशन और लोअर ऑर्बिट के लिए प्रोग्राम डायरेक्टर भी हैं। उनका कार्यकाल इसरो में श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह पर काम करके शुरू हुआ। श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह आंध्र तट के पास में स्थित है। उन्हें इसके बाद बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया, जो कि सैटेलाइट के विकास का प्रमुख केंद्र है।

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कहां से की है पढ़ाई ?

निगार का जन्म तमिलनाडु के एक मुस्लिम परिवार में तेनकासी जिले के सेनगोट्टई में हुआ था। शाजी ने अपनी स्कूली शिक्षा सेनगोट्टई में की। इसके बाद उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के तहत तिरुनेलवेली के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया जहां पर उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। फिर बाद में, उन्होंने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर की डिग्री भी हासिल की।

किसान की बेटी हैं

Aditya L1 Mission

Nigar Shaji के पिता गणित में ग्रेजुएट होने के बावजूद भी अपनी पसंद से खेती को चुना। पिता ने अपनी बेटी निगार को हमेशा से ही जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। एक किसान की बेटी होते हुए निगार ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि ‘मेरे माता-पिता दोनों ने मेरे पूरे बचपन में बहुत ही सहयोग किया। उनके निरंतर समर्थन के कारण ही मैं इतनी ऊंचाइयों तक पहुंची।’

क्या कभी इसरो में भेदभाव हुआ ?

Aditya L1 Mission, इसरो में लैंगिक भेदभाव के विषय में किसी भी गलतफहमी को दूर करते हुए शाजी ने बताया कि उन्हें इसरो में कभी भी लैंगिक भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। अपने सीनियर्स के लगातार सहयोग के वजह से ही वह आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं। आपको बता दें कि वह अपनी मां और बेटी के साथ बैंगलोर में ही रहती हैं। उनके पति और उनका बेटा विदेश में काम करते हैं।

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

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