इस पोस्ट में
मामला असम के तिरु गांव का है। जहां 4 दिसंबर को कुछ लोग करीब 4:00 बजे मिनी ट्रक से घर लौट रहे थे। जब काफी समय हो जाने के बाद यह लोग घर पर नहीं लौटे तो घर वालों ने मिनी ट्रक से आ रहे लोगों के परिवार वालों ने उन्हें खोजने का निर्णय लिया।जब वह घर से बाहर निकले, उन्होंने खोजा तो पता चला कि मिनी ट्रक से आ रहे लोगों के शरीर से प्राण बाहर निकल चुके हैं। केवल उनका शव पड़ा हुआ है। यह सब देख कर जनता आक्रोशित हो गई और सुरक्षाबलों की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। अब तक केवल 14 लोगों के मारे जाने की खबर है इनमें 1 सैनिक भी शामिल है। लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ सकती हैं।
अब जांच कराए जाने की बातें मठौली जा रही हैं लेकिन क्या जिनके घर वाले सुरक्षा बलों द्वारा मार दिए गए हैं क्या वह लौटकर आएंगे। इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है। वही नेफियो रियो ने नागरिकों की हत्या किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। और मरने वालों की घरवालों के साथ संवेदना व्यक्त की है । उन्होंने कहा है कि SIT इस मामले की जांच करेगी और सारी न्यायिक प्रक्रिया होगी।
नागालैंड बीजेपी अध्यक्ष तेमजेन इम्ना एलोंग इस घटनाक्रम को नरसंहार बताया है। उन्होंने कहा है कि – ” निर्दोष नागरिकों के इस नरसंहार को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। जिन लोगों की हत्या की गई है वह मजदूर थे । मेहनत करने के बाद शाम को अपने घर वापस लौट रहे थे । उनके पास कोई हथियार नहीं था। ऐसे में उनकी हत्या कर देना नरसंहार ही है।”
……………………………….समाप्त …………………….