Mumbai Metro
Mumbai Metro: करीब 7 साल बाद मुंबई वासियों को मिली मेट्रो की दो नई लाइन यात्रियों को काफी ही पसंद आ रही हैं। इसी रविवार को मेट्रो की शुरुआत के पहले दिन ही कुछ तकनीकी अड़चनों के बावजूद भी करीब 50,000 जितने यात्रियों ने मेट्रो की सवारी का आनंद लिया था। इससे पहले यानी शनिवार रात को मेट्रो की सेवा शुरू होने के महज दो घंटे के भीतर करीब 20 हजार लोगों ने मेट्रो से यात्रा की थी।
Mumbai Metro मुंबई करीब 7 साल बाद मुंबई वासियों को मिली मेट्रो की दो नई लाइन यात्रियों को काफी ही पसंद आ रही हैं। इसी रविवार को मेट्रो की शुरुआत के पहले दिन ही कुछ तकनीकी अड़चनों के बावजूद भी करीब 50,000 जितने यात्रियों ने मेट्रो की सवारी का आनंद लिया था। इससे पहले यानी शनिवार रात को मेट्रो की सेवा शुरू होने के महज दो घंटे के भीतर करीब 20 हजार लोगों ने मेट्रो से यात्रा की थी।
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वैसे यात्रियों को अपनी इस मेट्रो सवारी के दौरान कुछ छोटी-मोटी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। तय किए हुए समय के अनुसार ट्रेन नहीं चलने के कारण यात्रियों को प्लेटफार्म पर 15 से 20 मिनट तक इंतजार करने का मामला भी सामने आया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने 2 अप्रैल शनिवार शाम 4 बजे मेट्रो 7 और मेट्रो 2 ए कॉरिडोर पर आरे से डहाणूकरवाडी के बीच मेट्रो सेवा का उद्घाटन किया था।
उस दिन से ही यानी शनिवार रात 8:00 बजे से ही मुंबई में आम जनता के लिए मेट्रो सेवा की शुरुआत भी की गई थी। शनिवार को रात 8:00 से 10:00 बजे के 2 घंटे के बीच भी करीब 20,000 लोगों ने मेट्रो से सफर किया था।
अगला दिन रविवार और छुट्टी का दिन होने के कारण ज्यादातर मुंबई वासी अपने परिवार के साथ ही मेट्रो का सफर करने के लिए पहुंचे थे। मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे और एसवी रोड का ट्रैफिक कम करने के लिए मेट्रो 7 और मेट्रो 2ए कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। पहले फेस में कॉरिडोर के 20 किलोमीटर मार्ग पर सेवा शुरू की गई है।
एमएमआरडीए कमिश्नर एस.वी.आर श्रीनिवास के मुताबिक, मेट्रो शुरू होने से आम जनता के साथ ही ट्रैफिक पुलिस का भी काम कुछ हद तक हो जाएगा।
सर्वे के अनुसार, मुंबई के इस विस्तार में मेट्रो चलने से करीब 30 से 40 फीसद ट्रैफिक में कमी आएगी। केवल वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर ही वाहनों की आवाजाही करीब 21 फीसदी तक कम हो जाएगी। रोजाना इस रास्ते पर दौड़ने वाले करीब 4900 वाहनों की आवाजाही कम हो जाएगी। मेट्रो की सेवा सुविधाजनक है इसलिए अब लोग अपने निजी वाहनों के बजाय मेट्रो में ही सफर करना पसंद करेंगे। सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि ईंधन की बचत होने के साथ ही यात्रियों के पैसे की भी बचत होगी।
मेट्रो शुरू होने की पहले ही दिन प्लैटफॉर्म पर ट्रेन के ठहरने पर प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर के नहीं खुलने, प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर के सामने ट्रेन के नहीं रूकने समेत अन्य कुछ तकनीकी दिक्कतों का सामना यात्रियों को करना पड़ा था। मेट्रो के संचालन का जिम्मा महा मुंबई मेट्रो कॉर्पोरशन लिमिटेड (एमएमएमओसीएलए) को सौंपा गया है। एमएमएमओसीएलए के एमडी डी.के शर्मा के अनुसार, तकनीकी खामियों के कारण कुछ स्थानों पर प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर में दिक्कतें आई हैं। वैसे अब इन सभी तकनीकी खमियों को भी दूर कर लिया गया है। देश में मेट्रो रेक और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर का इस्तेमाल भी पहली बार हो रहा है।
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मेट्रो की सवारी सभी के लिए आसान हो इसलिए मेट्रो का किराया भी बेहद कम रखा गया है। यात्रियों को 3 किलोमीटर के तक सफर के लिए 10 रुपए, 3 से 12 किलोमीटर के लिए 20 रु, 12 से 18 किलोमीटर के लिए 30 रुपए और 18 से 24 किलोमीटर के लिए 40 रुपए किराया चुकाना होंगा।