एक बदलाव ही हमारे समाज का नजरिया बदलने के लिए काफी है। आज भी हमारे देश में यह स्थिति है कि कई जगह समाज में विधवाओं के लिए उस आजादी का चलन नहीं है जो आम लड़कियों या महिलाओं को मिलती है। समाज की इस कुसोच को बदलने के लिए सार्थक बदलावों की बेहद ही जरूरत है। वैसे ही जैसा बदलाव और पहल राजस्थान की एक महिला सरकारी टीचर ने की है।
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राजस्थान के सीकर की रहने वाली एक सरकारी स्कूल शिक्षिका ने हमारे समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। इस शिक्षिका ने अपनी बहू बेटी माना ही बल्कि खुद भी मां बन कर दिखाया और विधवा बहू की शादी करवा दी । इस सास ने अपनी विधवा बहू को माता पिता बन कर एक बेटी की तरह ही विदा किया है। इतना ही नहीं, इस शिक्षिका का ने अपनी बहू की शादी करने से पहले उसे शिक्षा दिलाकर एक लेक्चरर भी बनाया।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के सीकर के रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव की रहने वाली कमला देवी एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने 25 मई 2016 को अपने छोटे बेटे शुभम की शादी सुनीता से की थी। शुभम और सुनीता की मुलाकात एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। शुभम को सुनीता जीवनसाथी के रूप में पसंद आई थीं । सुनीता आर्थिक रूप से दुर्बल परिवार से संबंध रखती थीं इसीलिए कमला देवी ने सुनीता को बिना दहेज लिए ही अपने घर की बहू बनाया था।
शुभम को अभी MBBS की पढ़ाई पूरी करनी थी और वो शादी के बाद पढ़ाई के सिलसिले में लिए किर्गीस्तान चले गए। सुनीता और शुभम ने एक दूसरे के साथ ज्यादा समय भी नहीं बिताया था। शुभम को पढ़ाई पूरी कर के वापस वतन लौटना था लेकिन शादी के 6 महीने बाद ही नवंबर 2016 में वह इस दुनिया को अलविदा कह गया। ब्रेन स्ट्रोक के कारण शुभम की मृत्यु हो गई।
ऐसी बहुत सी घटनाएं हम सबने फिल्मी दुनिया में देखी है क्योंकि वास्तव में तो ऐसे किस्से गिने चुने ही होते हैं। लेकिन यहां पर सुनीता का शुमार भाग्यशाली महिलाओं में हुआ और उसे ऐसी सांस मिली जिसने उसे विधवा होने के बाद एक बहू नहीं बल्कि बेटी का प्यार दिया। बेटे के चले जाने के बाद कमला देवी सुनीता की सास नहीं बल्कि मां बन चुकी थीं।
कमला देवी ने एक मां की तरह ही सुनीता को एमए, बीएड की पढ़ाई करवाने के बाद उसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया। साल 2021 में कमला देवी की मेहनत और सुनीता की लगन ने रंग लाई और वह हिस्ट्री के लेक्चरर पद के लिए सेलेक्ट हो गईं।
कमला देवी के बेटे शुभम की मौत के 5 साल बाद सुनीता की नौकरी भी लग चुकी है। तब कमला देवी ने एक सास नहीं बल्कि एक मां की तरह अपनी इस बेटी की धूमधाम से दूसरी शादी की है। कमला देवी ने वाकई खुद को मां साबित कर दिखाया और उन्होंने अपनी बहू का कन्यादान किया। कमला देवी ने सुनिता की शादी मुकेश से करवाई है। अपना फर्ज निभाने पर कमला देवी बहुत ही खुश हैं।