Mohammad Mehboob
Mohammad Mehboob: कहा जाता हैं कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म है और इसका ताजा तरीन लाईव उदाहरण मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया है। जहां एक तरफ एक छात्रा के हिजाब पहनने पर विवाद खड़ा हुआ है वहीं भोपाल के इस शख्स ने जात पात और धर्म की दीवारों को फांदकर सिर्फ और सिर्फ मानवता का धर्म निभाया है। ऐसे लोग ही हैं जो रियल लाइफ हीरो हैं और सच्चे और पक्के हिंदुस्तानी भी है। “भारत एक नई सोच” आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रुबरु करवा रहे हैं जिसने अपनी जान की ब परवाह किए बिना ही रेल की पटरी पर लेट कर एक लड़की की जान बचाई है।
भोपाल के मोहम्मद महेबूब ने बरखेड़ी फाटक के पास मालगाड़ी के नीचे आई एक लड़की को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 37 साल के ‘ मोहम्मद महबूब’ ने स्नेहा गौर नाम की लड़की को बचाने के लिए चलती हुई ट्रेन के नीच छलांग लगा दी और उसे बचाकर ही दम लिया।
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वैसे यह घटना 5 फरवरी की बताई जा रही है। रात करीब 8 बजे मोहम्मद महबूब नमाज पढकर वापस लौटे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक लड़की रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश कर रही थी लेकिन अचानक उसके साथ हादसा हो गया और ट्रेन को आता देख वो पटरियों पर फंस गई। इस नज़ारे को देखकर जहां एक तरफ प्लेटफॉर्म पर खड़े लोग चिल्ला रहे थे। वहीं महबूब बिना देरी किए हघ रेलवे ट्रैक पर कूद गए और लड़की को खींच लिया था।
Mohammad Mehboob लड़की के सिर को झुकाते हुए वो पटरी के नीचे लेट गए। अब ट्रेन लड़की के ऊपर से गुजर रही थी लेकिन इस दौरान महबूब लगातार ही लड़की को अपना सिर उठाने से रोकते रहे थे और कहते रहे बेटा तुम बिल्कुल नहीं डरना, मैं हुं।। अंतत: बहादुर महबूब लड़की को बचाने में कामयाब रहे।
उस दिन के बाद से लेकर आज तक इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग महबूब की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं।
स्नेहा नामक लडकी की जान बचाने वाले भोपाल के मोहम्मद महबूब कारपेंटर हैं। वो अशोक विहार बैंक कॉलोनी ऐशबाग में रहते हैं। मध्यप्र्देश के पुलिस अधिकारियों द्वारा महबूब को इस नेक काम के लिए पुरुस्कृत किया है।
Mohammad Mehboob एक तीन साल की बेटी के पिता हैं और उनके साथ उनके माता-पिता भी रहते हैं। महबूब ने जब यह बात अपने परिवार को बताई तो उन्होंने कहा कि बहुत ही अच्छा काम किए। किंतु, जब शनिवार को महबूब ने वायरल हुआ वीडियो पत्नी को दिखाया तब उनकी पत्नी को अहेसास हुआ कि उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है। महबूब की पत्नी रूही अंसारी ने कहा की, “हमारे मज़हब में है कि लोगों की मदद करनी चाहिए।”
Mohammad Mehboob ने उस दिन की घटना को याद करते हुए कहा, “जब मैं पटरी पर लेटा था तो मैंने लड़की के सिर को अपने हाथ से दबा कर रखा था। इसलिए कि वो घबराहट में सिर को उठाने की कोशिश कर रही थी। मुझे लगा कि कहीं वो अपना सिर उपर न उठा ले। महबूब ने कहा कि उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि उन्होंने मुश्किल में फंसी एक लड़की की मदद की अगर वो थोड़ी भी देर करते तो शायद उसकी जान जा सकती थी।
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उन्होंने कहा, “मैंने उस वक़्त वही किया जो मेरे दिल ने कहा।” हालांकि महेबूब इस बात का जिक्र किसी से करना नहीं चाहते थे लेकिन सोशल मीडिया के कारण यह बात फैल गई।
आनंद महिंद्रा ने भी इस घटना से जुड़े हुए वीडियो को शेयर करते हुए लिखा हैं, ‘मैं इस घटना को याद कर सप्ताह की शुरुआत करना चाहता हूं। अतुल्य साहस, अतुल्य नि:स्वार्थ भाव, अतुल्य भारत। हमारे चारों तरफ ही रोल मॉडल मौजूद हैं।’