Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गैंग का खुलासा कर दिया है। प्रिंटिंग मशीन से 100 रुपये के नोट छापकर बाजार में चलाने वाले इस गैंग ने अब तक 3 लाख रुपये की जाली करेंसी मार्किट में खपा दी है । पुलिस ने जाली नोटों को छापने वाले गैंग का खुलासा करते हुए बताया कि इस गैंग में एक नाबालिग भी शामिल है जो नकली नोट छापता और बाजार में उसे खपाता था । फिलहाल कानपुर पुलिस ने नाबालिग सहित गिरोह के 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है वहीं गिरोह के 2 अन्य लोग फरार चल रहे हैं । घटना कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र की है ।
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Kanpur आउटर के घाटमपुर से पकड़े गए जालसाज फेक करेंसी छाप रहे थे । नाबालिग सहित गैंग में शामिल अन्य लोग प्रिंटिंग मशीन से सिर्फ 100 के नोट ही छापते थे । वहीं पुलिस को पकड़े गए जालसाजों ने बताया है कि वह 100 के नोट हर महीने करीब 25-30 हजार छापते थे । बता दें कि नकली करेंसी छापने में लगे इस गैंग के ज्यादातर सदस्य कानपुर और उसके आसपास इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं । पुलिस को इनके पास से एक प्रिंटर मशीन और 42 हजार रुपये की जाली करेंसी बरामद हुई है ।
घाटमपुर में जिस नकली नोट छापने वाले गैंग का खुलासा हुआ है उसके बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है । नकली नोट छापने में पकड़ा गया नाबालिग कुछ समय पहले एक ऑनलाइन गेम में मां के अकॉउंट से 6 लाख रुपये हार गया था जिसकी भरपाई के लिए किशोर ने नकली नोट छापने का धंधा शुरू किया । हाई स्कूल फेल किशोर चाहता था कि मां के अकॉउंट से निकाले गए रुपये की भरपाई भी हो जाये और मां को पता भी न चले ।
इसी वजह से वह परेशान था और उसने यह बात कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अपने एक दोस्त से बताई । दोस्त ने उसे नकली नोट छापने की स्कीम के बारे में बताया और इस तरह से नाबालिग किशोर ने 2 और लोगों को गैंग में मिलाया और नकली नोट छापने लगे । इन दो में से एक विभू यादव है जो Kanpur नगर के बर्रा 8 का रहने वाला है और उन्नाव से पॉलिटेक्निक कर रहा है ।
पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया कि वह नोट छापने वाली मशीन फाइनेंस में लाये थे । उन्होंने बताया कि 10 हजार रुपये जमाकर बाकी किश्तें बंधवा ली थी और हर महीने की 2 तारीख को किश्त भरते थे । बता दें कि यह गिरोह Kanpur, कानपुर देहात, घाटमपुर, सजेती,बिधनू और आसपास के इलाकों में नकली नोट खपाते थे ।
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यह गिरोह पिछले 3 महीने से 100 के नकली नोट छाप रहा था। अभी तक इन लोगों ने 3 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुके थे । बता दें कि पहले ये लोग अपने नुकसान की भरपाई के लिए नोट छाप रहे थे पर जब इनके छापे नकली नोट आसानी से चलने लगे तो इन्होंने बाजार में और नोट खपाने शुरू किए ताकि अपने शौक पूरे कर सकें । इनकी योजना आगामी त्योहारों में बड़ी मात्रा में नोट खपाने की थी ।
Kanpur के घाटमपुर स्थित पतारा में चाय की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति को इसी तरह के नोट मिले थे । इसके बाद उन्हें 100 के नोट संदिग्ध लगे और वह सावधानी बरतने लगे । पुलिस के अनुसार शुक्रवार को नाबालिग एक अन्य के साथ बाइक से पहुंचा और कुछ सामान लेने के बाद 100 का नोट दे दिया। पहले से चौकन्ना दुकानदार ने नोट को ध्यान से देखा तो उन्हें नोट में अंतर दिखा इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी ।
पतारा चौकी प्रभारी विनीत मिश्रा ने दोनो आरोपियों को पकड़कर थाने ले आये जहां पूछताछ में नकली नोट छापने की बात उन्होंने स्वीकार की । एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपियों के पास से 42 हजार की नकली करेंसी, प्रिंटिंग मशीन , 2 पैकेट पेपर और 2 कटर जब्त किये गए हैं । नोटों को देवास स्थित लैब में भेजा गया है ।