कांग्रेस में एक बार फिर किताबी बम फूटा है। सलमान खुर्शीद के किताब के बाद अब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब चर्चा में है। उन्होंने मनमोहन सिंह की ‘यूपीए’ सरकार पर सवाल खड़ा किए हैं। मनीष तिवारी ने मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी भी तरह का एक्शन न लेने की कमजोरी बताया है।
किताब में मनीष तिवारी ने यह लिखा है कि मुंबई हमले के बाद से तत्कालीन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। यह एक ऐसा समय था, एक्शन लेना बहुत जरूरी था। मनीष तिवारी ने किताब में लिखा है कि एक देश (पाकिस्तान) निर्दोष लोगों पर जुर्म करता है, तथा उसे इसका कोई पछतावा भी नहीं होता। इसके बाद से भी हम संयम बरतते हैं। मनीष तिवारी ने 26/11 हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की है।
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मुंबई हमलों में 26 नवंबर 2008 को 160 से अधिक लोगों की मौत हुई थी तथा 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी दिन लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकी अरब सागर के रास्ते से भारत में दाखिल हुए थे। 60 घंटे तक उन्होंने मुंबई को बंधक बनाकर रखा था। उनके पास 10 एके-47, 80 ग्रेनेड, 2 हजार गोलियां, 10 मोबाइल फोन, 10 पिस्टल, विस्फोटक व टाइमर्स थे। रात को 8 बजकर 20 मिनट पर अजमल कसाब तथा उसके नौ साथियों ने मुंबई में कदम रखा था। आतंकी मुंबई में उतरने के बाद से ही दो-दो ग्रुप में बट गए थे, तथा पूरे शहर में जमकर उत्पात मचाया था।