Categories: News

Lemon Price: नींबू के बढ़े दाम तो ‘टोटके’ लटकाने वालों की खत्म हुई आमदनी, मुश्किल से चल रहा है घर

Published by

Lemon Price: एनबीटी ऑनलाइन ने शिवाकांत जोशी से बातचीत की जो दुकानों और घरों में नीबू और मिर्च का नजर टोटका करके अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभा रहा है। आज से पहले दुकानदार खुद बुलाकर नींबू मिर्ची लगाने के लिए पैसे देते थे, लेकिन महंगाई में जैसे ही नींबू के दाम बढ़े तो तमाम लोगों ने भी इससे भी परहेज करना शुरू कर दिया है। ऐसे में परिवार के सदस्यों का खर्च चला पाना भी बेहद ही मुश्किल हो चुका है।

आज के समय में जहां साइंस और टेक्नॉलजी तमाम तरह की गलत मान्यताओं और भ्रम के चक्र को तोड कर मनुष्य को सच्चाई का आइना दिखा रही है। वहीं आज भी हमारे देश लोग जादू, टोना और टोटका में विश्वास रखते हैं। ऐसे नींबू व मिर्च का नजर का टोटका करने वाले ही एक व्यक्ति शिवाकांत जोशी से एनबीटी ऑनलाइन ने बातचीत करते हुए कहा कि बढ़ती मंहगाई और नींबू के भारी भरकम दामों के चलते उन्हें जीवन यापन और परिवार में 8 लोगों का पेट पालने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है।

Lemon Price से इन सभी की कमाई प्रभावित

Lemon Price

Lemon Price में बढ़ोतरी का असर सबसे ज्यादा असर उसके टोटके पर दिखने लगा है, लोग बुरी नजर से बचने के लिए अपने घरों के बाहर नींबू-मिर्ची लगाते थे। लखनऊ से करीब 60 किलोमीटर दूर पर स्थित हरदोई जिले के संडीला से आकर नींबू-मिर्ची बेचने वाले शिवाकांत जोशी कहते हैं कि नींबू के दाम बढने दामों के कारण उनकी कमाई भी काफी प्रभावित हुई है। घरेलू लोगों के साथ ही दुकानदार ने भी अब नींबू मिर्च का टोटका लगाने से परहेज शुरू कर दिया। शिवाकांत के अनुसार आजिविका का मुख्य स्त्रोत ही बंद हो जाने पर घर और परिवार को दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिलती है।

ये बच्चा का गाना सुन बड़े- बड़े सिंगर को भूल जाएंगे, अब होगा ये Viral

ड्यूटी निभाते हुए सडक के किनारे बच्चे को ट्यूशन दे रहा था ट्रैफिक पुलिस कर्मी, यूजर कर रहे सलाम

900 रुपए में खरीदने पड़ते हैं नींबू

Lemon Price

शिवाकांत कहते हैं कि जो नींबू अब तक 150 से ₹200 किलो से खरीद कर वे बेचा करते थे, वही नींबू अबवे 900 रुपए में खरीदते हैं। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि पूरा दिन काम करने के बावजूद भी कोई बचत नहीं हो पा रही है। नजर टोटका हफ्ते में दो दिन यानी मंगलवार और शनिवार को ही लगाया जाता है। पूरा दिन यह काम करने के बावजूद भी किसी तरह से सिर्फ 200 से 250 रुपए का ही काम होता है। साथ ही घर भी अधिक दूरी पर होने से आने जाने में भी बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पढ़ता है। कभी कभार बस से तो कभी डग्गामार वाहनों से लखनऊ आना जाना पढ़ता है।

Recent Posts