Last Station of India: भारत में रेलवे स्टेशनों का अपना एक इतिहास है । यहां का हर एक स्टेशन अपने आप मे हजारों कहानियां समेटे हुए है । अभी तक आपने भारत के विशाल रेल नेटवर्क की तमाम कहानियां सुनी होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे आखिरी रेलवे स्टेशन कौन सा है और यह कहाँ पर है । अगर नहीं जानते तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं ।
जी हां भारत के सबसे आखिरी स्टेशन के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज इस रेलवे स्टेशन का नाम सिंघाबाद रेलवे स्टेशन है। जैसा कि इसके बारे में विख्यात है यह स्टेशन भारत की सीमारेखा के सबसे आखिर में स्थित है ।
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भारत मे 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं । जैसा कि रेलवे का इतिहास है सिंघाबाद रेलवे स्टेशन भी उसी इतिहास के एक पन्ने पर दर्ज है जिसे भुलाया नहीं जा सकता । यह अलग बात है कि इस रेलवे स्टेशन का कोई खास महत्व नहीं है । पहले रहा होगा लेकिन अब यह खस्ताहाल स्थिति में है और कोई इसकी सुधि नहीं लेता सिवाय रेलवे का इतिहास जानने वाले लोगों के जो अक्सर इसे भारत के अंतिम स्टेशन के रूप में सबके जहन में जिंदा रखे हुए हैं ।
बता दें कि सिंघाबाद रेलवे स्टेशन भारत के पड़ोसी बांग्लादेश की सीमा के बिल्कुल करीब है । यहां से 5 किलोमीटर आगे जाने पर बांग्लादेश शुरू हो जाता है । भारत के सीमांत स्टेशन के रूप में विख्यात सिंघाबाद रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली के साथ आज भी उसी स्थिति में जैसा आजादी से पहले ब्रिटिश इसे छोड़कर गए थे । बता दें कि सिंघाबाद रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर इलाके में स्थित है । यह इलाका बांग्लादेश से बिल्कुल सटा हुआ है और यहां के लोग अक्सर टहलते हुए बांग्लादेश चले जाया करते हैं ।
अंग्रेजों के जमाने का यह स्टेशन ऐसी जगह पर स्थित है जहां न तो यात्री दिखते हैं न ही आसपास कोई लोग । कर्मचारी भी बस नाम मात्र के । दरअसल सिंघाबाद रेलवे स्टेशन में कोई भी यात्री ट्रेन नहीं रुकती । कुछ समय पहले तक तो यहां से कोई यात्री ट्रेन भी नहीं गुजरती थी । हालांकि अब 2 यात्री ट्रेनें से गुजरने लगी हैं ये अलग बात है कि वो भी यहां रुकती नहीं हैं ऐसे में इस छोटे से वीरान पड़े स्टेशन में कोई चहल पहल नहीं दिखती ।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले साल 2008 में भारत बांग्लादेश ने मिलकर मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया था जो कोलकाता से ढाका तक 375 किलोमीटर की दूरी तक जाती हैं । मैत्री एक्सप्रेस और मैत्री एक्सप्रेस-1 ही वह यात्री ट्रेनें हैं जो इस रेलवे स्टेशन से गुजरती हैं। इसके अलावा यहां से सिर्फ मालगाड़ियां ही गुजरती हैं और रुकती हैं । ये मालगाड़ियां रोहनपुर के रास्ते बांग्लादेश जाती हैं । बता दें कि रोहनपुर बांग्लादेश का पहला रेलवे स्टेशन है । यहां के स्थानीय लोगों ने यात्री ट्रेनें रुकने की गुहार तो लगाई लेकिन उनकी किसी ने सुनी ही नहीं ।
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Last Station of India सिंघाबाद रेलवे स्टेशन में सब कुछ अंग्रेजों के जमाने का सिस्टम लगा हुआ है । भारतीय रेलवे ने इसके कायाकल्प की जहमत नहीं उठाई । चूंकि कोई यात्री ट्रेन यहां नहीं रुकती इसलिए यहां मौजूद टिकट काउंटर को बन्द कर दिया गया है । यहां स्टेशन में मौजूद टेलीफोन से लेकर सिग्नल प्रणाली तक सब अंग्रेजों के जमाने का लगा हुआ है ।
यहां हाथ से सिग्नल के गियर बदले जाते हैं । यहां आज भी कार्डबोर्ड में जो टिकट रखे हुए हैं वह अंग्रेजों के जमाने के प्रतीत होते हैं । कहने को यह स्टेशन इतिहास के पन्नों में भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन के रूप में दर्ज है लेकिन इसकी स्थिति आज भी वैसी ही है जैसी अंग्रेजों के जमाने मे थी ।