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Khan Sir : आज तक से जुड़े रोहित सिंह की एक रिपोर्ट के मुताबिक आज आने की 27 जनवरी को पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बाद कुछ आंदोलनकारी छात्रों को हिरासत में लिया था ।अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए छात्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिससे उन्हें हिंसा और दंगा करने की सहमति थी। पुलिस के मुताबिक इस वीडियो में खान सर कथित तौर पर आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़क पर उतरने और आंदोलन करने के लिए उकसा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों के इस बयान के आधार पर प्रतिष्ठित पटना की खान सर, ओझा सर, नवीन सर आदि कई अध्यापकों और कोचिंग संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कोचिंग संचालकों Khan Sir पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने साजिश के तहत नाजायज तरीके से भीड़ इकट्ठा करने पुलिसकर्मियों को अपमानित करने तोड़फोड़ करने और यातायात को बाधित करने सहित कई धाराओं मैं मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।
Khan Sir एनटीपीसी आरआरबी परीक्षा में धांधली के विरोध में चल रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया और कई जिलो से तोड़फोड़ हिंसा और आगजनी की खबरें आयी । 2019 में एनटीपीसी रेलवे के फॉर्म भरे गए थे । परीक्षा को करवाने के लिए छात्रों ने और देश के सभी अध्यापकों ने ट्विटर कैंपियन किया था। इस टि्वटर कैंपियन में 9000000 ट्वीट किए गए थे । इसके बाद परीक्षा हुई लेकिन रिजल्ट आरआरबी द्वारा धांधली कर दी गई। खान सर ने इस धांधली को बाकायदा यूट्यूब पर वीडियो बनाकर समझाया और आरआरबी से कहा कि तुम्हें बच्चों के भविष्य से इस तरह खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
Khan Sir लगातार कल से मीडिया के सामने हैं । एफ. आई. आर. दर्ज किए जाने से कुछ समय पहले ही खान सर ने अपने ऊपर लगे हुए आंदोलन के भड़काने के आरोप को सरासर खारिज किया और कहा कि यह गलत है । उन्होंने कहा कि हम आंदोलन भड़का नहीं रहे हैं, आंदोलन को और भड़कने से रोक रहे हैं, बच्चों को समझा रहे हैं कि इस प्रकार हिंसा करना कहीं से भी स्वीकार करने योग्य नहीं है। आंदोलन भड़काने के आरोप के बारे में खान सर ने कहा कि – ” यह गलत बात कही जा रही है, कुछ ऐसे स्वतंत्र यूट्यूबर है जो कुछ भी आरोप लगाते हैं, हम तो खुद लड़कों को आंदोलन करने से रोक रहे हैं… जयपुर के लड़के बोल रहे थे कि 26 जनवरी को आंदोलन करेंगे लेकिन हमने सब को मना किया कि 26 जनवरी को आंदोलन नहीं करना और अगर हम आंदोलन भड़का रहे हैं तो जब हम चुप हो जाते हैं फिर आंदोलन भी बंद हो जाना चाहिए। छात्रों से बात करने राजेंद्र नगर के डीएम भी गए थे उनका खुद का स्टेटमेंट है कि यह आंदोलन बिना किसी लीडर के चल रहा है। “ यह बात कहते हुए Khan Sir ने डीएम की तारीफ भी की कि वह बहुत सुलझे हुए इंसान हैं।
विद्यार्थियों की मांग जायज है उनकी मांगों पर सरकार और आरआरबी को ध्यान देना चाहिए पहले यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा था फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि विद्यार्थी भड़क गए और आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया इस बात को खान सर ने स्पष्ट किया और बताया कि-
“आंदोलन के उग्र होने के पीछे रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) का दूसरा फैसला है । 24 जनवरी को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर करीब 500 एनटीपीसी के छात्र आरआरबी के नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे थे। तब उन्हें लग रहा था कि आरआरबी उन्हें कुछ अच्छी खबर देगा लेकिन आरआरबी के नोटिफिकेशन ने आग में घी डालने का काम किया। बोर्ड का नोटिफिकेशन NTPC वालों के लिए नहीं बल्कि Group-D वालों के लिए था। इसमें बताया गया था कि ग्रुप डी के अभ्यर्थियों का अब मैंस का एग्जाम लिया जाएगा। ऐसे में ग्रुप डी के सिंगल एग्जाम वाले जो डेढ़ करोड़ छात्र हैं जो एनटीपीसी छात्रों का हंगामा मीडिया के माध्यम से देख रहे थे । वे परीक्षा की बात से उग्र हो गए और एनटीपीसी के छात्रों के साथ शामिल हो गए । इससे यह आंदोलन बड़ा हो गया । यह सारी गलती आरआरबी की है। 2019 में फॉर्म भरा था। फरवरी में एग्जाम है और आप 15 दिन पहले उसके बारे में बता रहे हैं। इससे लड़के भड़क गए।”
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रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने आज तक से बात की और उन्होंने कहा कि इस मसले को बड़ी पारदर्शिता के साथ सुलझाया जाएगा उन्होंने कहा कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उनकी टीम में कई अनुभवी लोग हैं, जिन्होंने पहले भी इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है। रेल मंत्री ने कहा कि छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और धांधली का आरोप लगा रहे हैं तो एक कमेटी बना दी गई है जो आरोपों की जांच करेगी और यह रिपोर्ट 3 हफ्तों में सरकार को सौंप दी जाएगी।