Kapil Sibal demands ban on The Kerala Story: फिल्म द केरल स्टोरी पर रोक लगाने से मना करने के केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court)श्रके आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Senior advocate Kapil Sibal) के जल्द सुनवाई के अनुरोध पर चीफ जस्टिस ने 15 मई की तारीख तय की है।
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5 मई को देशभर के कई थियेटर्स में ‘द केरला स्टोरी’ 5 रिलीज़ हुई। इससे पहले टीज़र रिलीज़ के बाद से ही फ़िल्म विवादों में घिरी हुई है। सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म को लेकर दो गुटों में लोग बंटे हुए नजर आ रहे हैं। किसी ने इस फिल्म को मनगढ़ंत कहानी कहा है तो किसी ने इस फिल्म को मस्ट वॉच कहां है। इतना नहीं फिल्म के मेकर्स ने यह दावा किया है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
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विवादों से धिरी हुई इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में रोक लगाई गई है। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर रोक लगाने के लिए याचिकाकर्ताओंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। किंतु सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ताओं को केरल हाई कोर्ट जाने का अनुरोध किया था।
इसी सिलसिले में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal demands ban on The Kerala Story ने शीर्ष अदालत से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है, उस बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने 15 मई इस मामले में सुनवाई के लिए निर्धारित की है। इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने 5 मई को फिल्म ‘The Kerala Story’ (The Kerala Story Ban) की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया था।
सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित ‘द केरल स्टोरी’ के ट्रेलर की जमकर आलोचना भी हुई, क्योंकि ट्रेलर में दावा किया गया था कि करीब 32 हजार लड़कियां राज्य से लापता हुई और आईएसआईएस में शामिल हो गईं। हालांकि, विवाद और आलोचना होने के बाद में निर्माताओं ने इस आंकड़े को वापस ले लिया और फिल्म के ट्रेलर डिस्क्लेमर में फिल्म को केरल की तीन महिलाओं की कहानी बताया था।
तमाम संगठन ‘The Kerala Story’ का वरोध कर रहे हैं। केरल की सीपीआई (एम) और कांग्रेस के मुताबिक यह फिल्म झूठा दावा करती है कि हजारों की तादाद में महिलाओं ने आईएसएस को जॉइन किया। ट्रेलर रिलीज होने के बाद फिल्म पर बैन लगाने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद आदि ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा ते हुए मांग की थी की गई थी कि फिल्म के डिस्क्लेमर में खुलासा किया जाए कि यह एक फिल्म की स्टोरी सिर्फ एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं केरल हाई कोर्ट का रुख करने का अनुरोध किया था।