राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानपुर दौरे पर आए, तो कानपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में एक भी अवार्ड न मिलने पर असंतोष जताया। अधिकारियों को यह आदेश दिए कि इंदौर शहर के सफाई मॉडर्न को स्टडी करें। वहीं पर कानपुर नगर निगम मुख्य सड़कों की सफाई तो अच्छी कर देता है। लेकिन कालोनियों तथा सोसाइटी क्षेत्रों में गंदगी से बुरा हाल है।
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कानपुर को राष्ट्रपति ने अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में टॉप-5 शहरों में रैंक लाने का आह्वान किया है। लेकिन अभी सफाई में ढिलाई बरती जा रही है। विजय नगर में स्थित पूरा साल कुड़े तथा गंदगी से पटा पड़ा है। सर्विस लेन में भी सालों से सफाई नहीं की गई है। इसके बावजूद गोविंद नगर, नवाबगंज, ग्वालटोली, सूटरगंज, विष्णुपुरी, पी रोड, चमनगंज, साकेत नगर, अहिराना, दबौली, कानपुर दक्षिण के बर्रा के सभी सेक्टर में लोगों को कूड़े तथा सफाई से निजात नहीं मिल पा रही है।
शहर के पास एरिया न्यू सिविल लाइंस में सड़क पर ही कूड़ा घर है। इस जगह भी रोजाना सफाई नहीं होती है, यहां की बदबू से लोग काफी परेशान रहते हैं। वीआईपी रोड में भैरव घाट की ओर बना कूड़ाघर दोपहर बाद भी साफ नहीं हो पाता है। यहां तक की सड़क तक गंदगी फैली रहती है। चुन्नी गंज से पुराना सीमा मऊ जाने वाले रास्ते में सड़क के पास कूड़ा एकत्र रहता है। कर्मचारी तो सड़क पर कूड़ा डाल देते हैं। इसके चलते 30 फीट की रोड 15 फीट तक ही बचती है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित सिंह के अनुसार डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन 30 वार्ड में किया जा रहा है। यहां से सूखा तथा गीला कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है। चूंकि नगर निगम क्षेत्र में 110 वार्ड हैं। उसके हिसाब से डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन बहुत ही कम घरों में हो पा रहा है।