Jitan Ram Manjhi: अक्सर विवादित बयानों के लिए मशहूर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राम को लेकर फिर से विवादित बयान दिया है। कल अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि वह राम को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि राम रामायण के पात्र हैं और रामायण में अच्छी अच्छी बातें लिखी हैं इसलिए हम रामायण पढ़ते हैं लेकिन हम राम को नहीं जानते ।
जीतन राम ने आगे कहा कि राम ने शबरी के झूठे बेर खाये थे । आज कोई भी दलित के साथ बैठकर खाना नहीं खा सकता। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सबको पूजा-पाठ करना बंद कर देना चाहिए। इससे कुछ नहीं होता । बस ब्राह्मणों को चढ़ावा मिलता है। जब सब लोग पूजा-पाठ करना बंद कर देंगे तो ब्राह्मणों को भी चढ़ावा मिलना बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वो राम को नहीं मानते। वो भगवान नहीं हैं।
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मांझी यहीं नहीं रुके । उन्होंने कहा कि शबरी के जूठे बेर भगवान राम ने खाये थे,आज कोई हमारे साथ खाकर दिखाए।जमुई में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोग बड़ी बड़ी बातें बहुत करते हैं लेकिन ऊंच नीच का भाव बना ही रहता है। ब्राह्मण लोग हमारे काम करवाने आते हैं और नकद दक्षिणा लेकर कहते हैं कि इन्ही रुपयों से हम बाहर खा लेंगे,तुम्हारे यहां कुछ भी नहीं खाएंगे।
उन्होंने ब्राह्मणों और ब्राह्मणवाद के खिलाफ बोलते हुए कहा कि ब्राह्मणों से कोई पूजा पाठ करवाने की जरूरत नहीं है । लोग दलितों के यहां खाने का दिखावा कैमरे के सामने करते हैं, वास्तविक रूप से वो दलितों को घृणित भाव से देखते हैं।
विवादित बयानों की कीमत Jitan Ram Manjhi बखूबी जानते हैं। अति पिछड़े दलित वर्ग से आने वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा(हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के बयान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। दरअसल वो जहां जाते हैं,जो कुछ भी करते हैं सबकी खबरें बन जाती हैं। बिहार का मुख्यमंत्री बनने से पहले तक इन्हें कोई नहीं जानता था। सियासत के खेल में मोहरें बदलते रहते हैं कब किसकी किस्मत चमक जाए यह किसी को नहीं मालूम। जीतन राम मांझी इसके जीते जागते उदाहरण हैं। करीब 1 साल ( 20 मई 2014 -20 फरवरी 2015) तक जीतन राम मांझी इन्ही बयानों और सियासत की तिकड़म बाजियों की बदौलत बिहार राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
बिहार में अति पिछड़े दलितों की राजनीति करने वाले जीतन राम मांझी ने कहा कि ऊंची जाति के लोग बाहरी हैं जबकि आदिवासी और नीची जाति के लोग भारत के मूल निवासी हैं । वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि आर्य के वंशज सवर्ण और ऊंची जाति के लोग हैं जो हिंदुस्तान में बाहर से आकर बसे। उन्हें भारत छोड़कर चले जाना चाहिए। यह देश आदिवासियों और दलित समुदाय का है जो यहां के मूल निवासी हैं । बहरहाल आर्य- द्रविड़ जाति के इतिहास पर पहले भी बहुत कुछ लिखा जा चुका है ।
बता दें कि Jitan Ram Manjhi का विवादित बयानों से पुराना रिश्ता है । वह अक्सर राम,हिन्दू धर्म,सवर्णों और ब्राह्मणों पर बयान देकर सुर्खियों में बने रहते आये हैं । हालांकि कभी कभी उन्हें अपने इन बयानों के चलते नुकसान भी उठाना पड़ा है। उन्हें कई बार धमकियां भी इन बयानों के चलते मिलती रही हैं। जीतन राम मांझी जितना विवादित बयान देने में माहिर हैं उतना ही उनसे पलटते हुए माफी मांगने में भी। अक्सर विवादित बयानों से खुद को घिरता देखकर मांझी पलटी मार जाते हैं।
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अभी दिसंबर का ही वाकया था जब मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर अपना चिर परिचित रुख दिखाते हुए बयान दिया था जिसमे उन्होंने ब्राह्मणों को कथित रूप से गाली दी थी बाद में जब इस बयान के चलते वह घिरने लगे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ब्राह्मणों को नहीं बल्कि उन लोगों के बारे में कहा था जो नशेबाजी करते हैं और खुद को ब्राह्मण कहते हुए पूजा पाठ भी करते हैं। उनकी इस सफाई पर भी जब विवाद नहीं रुका तब उन्होंने अपने आवास पर ब्राह्मण भोज इस शर्त पर रखवाया कि सिर्फ वही ब्राह्मण भोज में आएंगे जिन्होंने कभी पाप न किया हो।
बता दें कि उल जलूल बयानों से चर्चा में बने रहने वाले Jitan Ram Manjhi को कई बार उनके बयानों के चलते धमकियां भी मिल चुकी हैं । उनके बयानों से क्रुद्ध लोगों ,संगठनों ने उनकी जीभ काटने से लेकर कई तरह की धमकियां भी दी हैं ।कुछ वर्ष उनके द्वारा लगाये जाने वाले जनता दरबार मे भी उनपर जूता फेंका गया था।