Indian Journalist: उत्तर प्रदेश मिर्जापुर स्थित Indian Journalist पवन जायसवाल का आज सुबह निधन हो गया है। पवन पिछले कुछ महीनों से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे और वाराणसी के अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती थे। आज सुबह 6:45 पर पवन ने आखिरी सांस ली थी।
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पवन उस समय से सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों को मिड डे मील योजना में नमक और रोटी खिलाने के चर्चित मामले को उजागर किया था। यह वह दौर था जब पवन कुछ स्थानीय अखबारों के लिए ही काम करते थे।
इस घटना के बाद प्रशासन ने बच्चों को नमक रोटी खिलाने वाले लोगों पर कार्रवाई की थी। लेकिन उस वक्त पवन जयसवाल पर भी मुकदमा दायर किया गया था जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 120b, 186, 193 और 420 की कलमें लगाई गई थीथी। हालांकि कुछ समय बाद पत्रकार को इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी
उस वक्त मिर्जापुर के खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम शंकर राम ने अपनी तहरीर में पवन जयसवाल पर यह आरोप लगाया था कि पत्रकार ने जानबूझकर प्रायोजित तरीके से छल कपट से यह वीडियो बनाकर वायरल किया था। अपने इस काम से उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई है।
जयसवाल के इस वीडियो के द्वारा ही इस बात का पर्दाफाश हुआ था कि इस स्कूल में कक्षा 8 से लेकर अन्य कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले 100 से अधिक बच्चों को मिड डे मील के तौर पर रोटी और नमक दिया गया था। वीडियो में नजर आ रहा था कि बच्चे स्कूल के बरामदे में फर्श पर बैठकर नमक और रोटी खा रहे थे। Indian Journalist जयसवाल ने इस महत्वपूर्ण खबर के बाद प्रशासन को स्कूल में मिड डे मील योजना में सुधार लाने के लिए मजबूर कर दिया था।
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पवन मिर्जापुर के अहरोरा क्षेत्र के रहने वाले थे उन्होंने पत्रकारिता कि कहीं से कोई भी डिग्री नहीं ली थी लेकिन अपनी जिज्ञासा के चलते वह इस क्षेत्र में सफल हो गए थे। उन्होंने “द वायर” को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी जानकारी में कुछ पत्रकार दोस्त से वह उनके साथ सीखने चले जाया करते थे और इस प्रकार धीरे-धीरे वह इस क्षेत्र की बारीकियों को समझ गए और क्षेत्रों में आ गए।
साल 2019 में पत्रकार जी पवन जयसवाल ने अपनी बातचीत में कहा था कि उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से दो लाख का लोन लेकर एक मोबाइल की दुकान खोली थी और वह अपने परिवार के लिए अच्छी कमाई कर लेते थे। उस बाद ढाई साल तक जनसंदेश टाइम्स के साथ ही काम किया। इस बाद उन्होंने दिल्ली के बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकारों के सोर्स में सहायक के रूप से भी काम किया था। Indian Journalist पवन ने ANI, एनडीटीवी और न्यूज 24 जैसे संस्थानों के लिए अनाधिकारिक तौर पर भी काम किया था।
मिड डे मिल की खबर को उजागर करने के बाद Indian Journalist पवन पर जो कार्रवाई की गई थी उसको लेकर भी उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। पवन ने कहा था कि, “सरकार की मंशा के खिलाफ काम करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध खबर करके मैंने कोई गुनाह नहीं किया था फिर भी मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई थी।”
पवन को पिछले साथ कैंसर की पुष्टि होने के बाद उनके परिवार पर गहरे संकट के बादल छा गए थे। उनके इलाज में घर की सारी पूंजी खत्म हो गई थी। पत्नी और मां ने भी अपने जेवर बेच दिए थे फिर भी इलाज के लिए पर्याप्त रकम नहीं जमा कर पाए थे। सितंबर 2021 में उनका ऑपरेशन भी हुआ था। कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद वे जब वापस लौटे तो मर्ज एक बार फिर से बढ़ गया।
इस साल भी मार्च महीने पवन को दोबारा से दिक्कत हुई तो फिर डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टरी जांच में इंफेक्शन गले तक पहुंच चुका था ।डॉक्टरों की सलाह पर दोबारा से ऑपरेशन हुआ। आर्थिक रूप से बिल्कुल टूट चुके पवन की सहायता के लिए कुछ साथी पत्रकार भी सामने आए किंतु फिर भी उनके जीवन दीप को बुझने से नहीं बचा पाए। पवन के परिवार में उनकी 6 बहनें, पांच भाई, पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनके पिता स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। पवन के निधन की खबर से मिर्जापुर के पत्रकारों में शोक और गम का माहौल छाया हुआ है।