Sperm: हाल ही में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि पुरुषों का हर रोज सेक्स करना और Sperm को बर्बाद करना उनके लिए सही नहीं है । इससे स्पर्म की क्वालिटी पर तो गहरा असर पड़ता ही है साथ मे प्रेगनेंसी को कंसीव करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है । हाल ही में भारत और जर्मनी के रिसर्चरों द्वारा किये गए रिसर्च में यह चौंकाने वाली बात सामने आयी है ।
प्रायः लोग प्रेगनेंसी न ठहरने का दोष स्त्री को ही देते हैं लेकिन रिसर्च में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी के लिए पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी का भी काफी योगदान होता है । यदि आप रोज सेक्स कर Sperm बर्बाद करते हैं तो यह आपके भविष्य में पिता बनने की सम्भावना पर असर डाल सकता है ।
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हाल ही में भारत के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, MAHE मणिपाल और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ मयूएन्स्टर के शोधकर्ताओं ने साथ मिलकर यह जानने की कोशिश की है कि इजैक्युलेशन( स्पर्म स्राव) की लेंथ और इससे स्पर्म पर पड़ने वाले इसके असर के बीच के सम्बंध के बारे में शोध किया। शोध में उन्हें चौंकाने वाले परिणाम मिले हैं ।
शोध में यह सामने आया है कि सेक्स से लंबे समय तक दूर रहने से स्पर्म में मौजूद कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है । जैसा कि हमे पता ही है कि स्पर्म की स्ट्रांग नेस इजैक्युलेशन से बढ़ जाती है । ऐसे में रिसर्च के इन दावों को बल मिलता है कि निसंतानता से बचने के लिए व्यक्ति को इजैक्युलेशन में 2-3 दिन का अंतर रखना चाहिए ।
अमेरिका से प्रकाशित होने वाले जर्नल एंड्रोलॉजी में इस महीने यह शोध छपा है । बता दें कि एंड्रोलॉजी अमेरिकन सोसायटी ऑफ एंड्रोलॉजी और यूरोपियन अकादेमी ऑफ एंड्रोलॉजी का आधिकारिक जर्नल है । इसी महीने 1 जुलाई को भारत और जर्मनी के रिसर्चरों द्वारा पुरुषों के स्पर्म और प्रेग्नेंसी पर आधारित इस रिसर्च को छापा गया था । इसके अनुसार इजैक्युलेशन से कुछ समय तक दूर रहने से पुरूष के सीमन में मौजूद स्पर्म की कोशिकाओं में वृद्धि हो जाती है ।
प्रायः देखा जाता है कि गर्भ न ठहरने की स्थिति में महिलाओं को ही दोष दिया जाता है परंतु शोध में यह जानकारी सामने आई है कि ऐसा पूरी तरह से सच नहीं है । निसंतानता की स्थिति के करीब 50 % जिम्मेदार पुरूष भी होते हैं जिनके स्पर्म इजैक्युलेशन के न होने से कमजोर हो जाते हैं । ऐसे में भारत और जर्मनी के छात्रों द्वारा किये गए इस शोध से हमे यह समझने में सहायता मिलती है कि स्पर्म की सेहत बेहतर रखने के लिए सेक्स के बीच समयांतराल रखना आवश्यक है । इसके लिए कुछ दिन का गैप भी ठीक माना जा सकता है ।
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बता दें कि इस शोध के लिए 10 हजार पुरुषों के दो इजैक्युलेशन के बीच के समय और स्पर्म क्वालिटी की जांच की गई । जांच में यह सामने आया है कि स्पर्म की औसत गुणवत्ता रखने वाले लोगों को इजैक्युलेशन( स्पर्म का निकलना) के बीच 2 दिन का गैप रखना चाहिए वहीं अगर स्पर्म की क्वालिटी खराब है तो यह गैप 6-15 दिन का होना चाहिए । इस रिसर्च के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि निसंतानता की स्थिति से निपटने में सहायता मिलेगी ।
कई बार प्रेग्नेंसी न ठहरने का दोष महिला के सिर पर मढ़ दिया जाता है परंतु पुरुषों की जांच नहीं की जाती । इस शोध से यह समझने में आसानी होगी कि निसंतानता की स्थिति में पुरुषों का स्पर्म काउंट जिम्मेदार है या नहीं । साथ ही इस स्थिति से निपटा भी जा सकेगा।