digvdigvijay singh: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर हमला किया है। उन्होंने यह कहा कि RSS धर्म के खिलाफ है क्योंकि सनातन धर्म में सारे धर्मों का सम्मान किया जाता है। RSS उनकी विचारधारा के खिलाफ है।
बुधवार को दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में यह कहा कि जो भी व्यक्ति दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं करता है वो हिंदू नहीं हो सकता। वो सनातन धर्म का तो हो ही नहीं सकता। एक बार फिर से दिग्विजय सिंह ने खुद को हिंदू विरोधी कहे जाने पर विरोधियों को जवाब दिया की वो कभी हिंदू विरोधी नहीं रहे हैं और ना ही कभी रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए कभी राजनीति का हथियार ही नहीं रहा वह केवल आस्था का ही सवाल रहा है।
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digvijay singh ने क्या कहा कि धर्म का उपयोग राजनीति हथियार के लिए करने के खिलाफ है। गांधीजी तथा कांग्रेस भी इसके खिलाफ रहे हैं। धर्म का उपयोग वोटों की राजनीति में होनी ही नहीं चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने यह भी कहा कि राजधर्म सबको साथ लेकर चलता है। राजनीति में सत्ता तथा कुर्सी पाने के लिए एक वर्ग को दुश्मन बनाया जाता है तथा दुश्मन की खामियां बताकर सत्ता तक पहुंचा जाता है।
digvijay singh ने यह भी कहा कि बाहर के धर्म विदेशी कहा जाता है, तो फिर हमारे भारतीय जो एनआरआई हैं उनका दुबई, अमेरिका या फिर अन्य देशों में क्या होगा। digvijay singh ने ये भी कहा कि यह कुंठित विचारधारा का उदाहरण है।
digvijay singh ने फिर हिंदुत्व शब्द को लेकर संघ को घेरा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व किसी वेद, पुराण या फिर उपनिषद में नहीं है। वीर सरकार ने ही तो हिंदुत्व को राजनीतिक पहचान देने के लिए ही इस शब्द को लाया है। उन्होंने खुद ही अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है अब जिसे हिंदुत्व को हिंदू धर्म मान लिया गया है। सनातन धर्म मूल रूप से परंपरा के खिलाफ हिंदुत्व है।
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पूर्व मुख्यमंत्री digvijay singh ने भगवा आतंकवाद पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी इस शब्द का उपयोग किया ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले कभी भी धार्मिक युद्ध हुए ही नहीं। हिंदू मुस्लिम दोनों ने एक दूसरे के धार्मिक स्थल को जरूर तोड़े हैं।