Haldiram’s in Controversy for Urdu Packaging: इन दिनों सोशल मीडिया पर हल्दीराम हॉट टॉपिक बना हुआ है। सोशल मीडिया से लेकर देशभर में लोग हल्दीराम पर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है सुदर्शन न्यूज़ वाले सुरेश चव्हाणके का नया कारनामा यानी हल्दीराम। हल्दीराम हमारे देश की मिठाई और स्नेक बनाने वाली बहूत थी पुरानी और पॉपुलर कंपनी है। अब बीते 24 घंटे से हल्दीराम सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टॉपिक चुका है।
लेकिन आप को पढ़कर बड़ा ही आश्चर्य होगा कि ये चर्चा हल्दीराम की मिठाई, रसगुल्ला या किसी नमकीन को लेकर नहीं हो रही है। लेकिन यहां चर्चा का विषय बन चुका है एक भाषा यानी उर्दू भाषा। यह बात हमें सुनने में बहुत ही अजीब सी लगती है लेकिन हल्दीराम में सुदर्शन न्यूज़ ने उर्दू भाषा के विवाद का तड़का लगा दिया है। इस विवाद के बाद ही अब सोशल मीडिया पर लोक सुदर्शन न्यूज़ और उनके स्टाफ पर कमेंट करके उनकी खिंचाई कर रहे हैं,
इस पोस्ट में
5 अप्रैल ( बीते मंगलवार) की रात को पत्रकार पुनीत कुमार सिंह ने एक वीडियो ट्वीट किया था। इस वायरल हो रहे वीडियो में खुद को न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर बताने वाले सुदर्शन न्यूज़ का लोगो लगा हुआ है। अब तक 10 लाख से भी अधिक लोग इस वायरल वीडियो को देख चुके हैं। 2 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में सुदर्शन से जुड़ी हुई एक लॅडी हल्दीराम की नमकीन का पैकेट लहरा रही है। साथ ही महिला स्टोर पर मौजूद महिला कर्मचारी से बार-बार एक ही सवाल रीपीट कर रही है,
सुदर्शन न्यूज़ का माईक थामे खड़ी इस रिपोर्टर के इस प्रकार के बेतूके व्यवहार के बावजूद स्टोर पर मौजूद महिला कर्मचारी बडे ही शालिनता से जवाब देती है,
इस महिला कर्मचारी के इतनी सज्जनता से समझाने के बावजूद भी इस माइक पकड़ी महिला एक ही चीज पड़ी रहती है कि आखिर पैकेट पर उर्दू भाषा क्यों लिखी गई है? इस वीडियो में हमें एक पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं लेकिन पुलिसकर्मी की भूमिका इतनी है कि वह सिर्फ मूकदर्शक बने हुए हैं। हां यह बात अलग है कि कुछ मौके पर उन्होंने अगले को शांत कराने की कोशिश की है मगर सिर्फ और सिर्फ हल्दीराम की स्टोर वाली महिला कर्मचारी को करवा कर।
अब पुलिस कर्मी चाहे कुछ करें या ना करें मगर यह जमाना सोशल मीडिया का है और सोशल मीडिया यूजर्स ऐसे पाखंडीयो को कहां छोड़ने वाले हैं। इस वीडियो के वायरल होते ही यूजर्स ने अपनी तरह तरह की प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दी है। साथ ही कुछ यूजर्स ने हल्दीराम के स्टोर पर मौजूद इस महिला कर्मचारी की काफी तारीफ की है और कुछ ने सुदर्शन न्यूज का माइक हाथ में थामें खड़ी हुई इस महिला के तरीके पर भी सवाल खड़े किए हैं।
अब इस बवाल के बीच पब्लिक ने भी काफी मौज ली है। ट्विटर यूज़र मधुबाला गौर ने 2000 के नोट की फोटो डालकर ट्विट किया है,
जिनको उर्दू से मसला है वो भारतीय नोट का इस्तेमाल भी न करें आखिर इसमें भी तो उर्दू भाषा में ही लिखा हुआ है।
महिला के सवाल पूछने के इस बेतुके अंदाज पर सवाल उठाते हुए खुशबू मट्टू ने लिखा है,
कैसा जर्नलिज्म है ये? भुजिया खाना है तो खाओ और नहीं खाना है तो नहीं खाओ। क्यों सर खा रहे हो। ये तो हैरेसमेंट है न्यूज़ नहीं। इन गुंडों से इतनी अच्छी तरह निपटने के लिए हल्दीराम स्टाफ की तारीफ करती हूं।
कुछ युजर्स ने कहा कि पैकेट की जिस भाषा को उर्दू बताकर ये बहस चल रही थी, वो तो असल में उर्दू भाषा ही नहीं लेकिन वह तो अरबी भाषा है। ट्विटर यूज़र अलीशान जाफरी ने कहते हैं,
हल्दीराम के स्टाफ का अद्भुत संयम। लेकिन सुदर्शन की ‘शेरनी’ को मालूम होना चाहिए कि यह अरबी है न कि उर्दू। हल्दीराम अपने प्रोडक्ट कई मुस्लिम बहुल देशों को भी निर्यात करता है जो बिला किसी भेदभाव के हमारे भारतीय उत्पाद की खरीदारी करते हैं।
वहीं ट्विटर यूज़र पंकज जैन ने यह वीडियो ट्वीट कर लिखा है,
महिला प्रबंधक/कार्यकारी को सलाम। उसने बहुत ही तार्किक व शालीनता से इब मामले को संभाला #हल्दीराम
सोमवार 4 अप्रैल की शाम को खुद को पत्रकार और सुदर्शन न्यूज़ का एडिटर-इन-चीफ कहनेवाले सुरेश चव्हाणके का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में चव्हाणके के साथ ही हल्दीराम के नमकीन के पैकेट भी नज़र आ रहे हैं। इन पैकैट्स में से चव्हाणके एक पैकेट उठाकर उस पर लिखी गई उर्दू भाषा भाषा पर आपत्ति का इजहार करते हैं। सुरेश चव्हाणके का अपना बड़ा ही नायाब मंतव्य है कि जब हल्दीराम ने अपने अन्य नमकीनों पर उर्दू भाषा में कुछ भी नहीं लिखा हुआ है तो फलाहार मिक्चर परही क्यों उर्दू भाषा की हुई है। इसके बाद चव्हाणके ने हल्दीराम नमकीन पर सवाल उठाते हुए कहा कि,
‘हल्दीराम ने ये फलाहार उत्पाद नवरात्र के उपवास के लिए बनाया है। हरे रंग के इस पैकेट पर डिस्क्रिप्सन तो उर्दू में लिखा हुआ है। उपवास करने वाला हिंदू होता है इसलिए वह तो इंग्लिश या हिंदी ही पड़ेगा लेकिन इन्होंने डिस्क्रिप्शन उर्दू में क्यों लिखा है? आखिर ऐसा क्या है जो हल्दीराम छुपाना चाहता है?”
सिर्फ उर्दू भाषा ही नहीं किंतु चव्हाणके ने पैकेट के हरे रंग को भी विवादित रंग करार दे दिया। इस वीडियो में जो दूसरा व्यक्ति है का नाम विकास है और वही इस मामले को लेकर सुरेश चव्हाणके के पास गए थे।
Haldiram’s in Controversy for Urdu Packaging उस बाद यहीं से यह स्टोरी शुरु हुई थी यानी सुदर्शन की रिपोर्टर और हल्दीराम के स्टाफ का वायरल वीडियो।
अब आखिर में चलते-चलते कुछ और ट्वीट पर भी नजर कर ही लीजिए जिसमें बाबा रामदेव के पतंजलि ब्रांड पर भी चुटकी ली जा रही है। ट्विटर यूज़र अयान गुप्ता ने कहते हैं,
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जान-माने एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने भी इस मामले पर सबसे तीखा ट्वीट किया है- उन्होंने कहा है कि, ‘’हिंदुओं का सबसे बड़ा दुश्मन एक जाहिल हिंदू है और कोई नहीं।‘’
वाकई इस खबर को पढ़ने के बाद एक सवाल तो उठता ही है कि इस प्रकार के सवाल-जवाब को जर्नलिज्म कहें या कुछ और यह तो सुदर्शन न्यूज़ और उनका स्टाफ ही जानता है!