Grandmother Gave Exam At The Age Of 80: यूनिवर्सिटी में छिंदवाड़ा की दादी ने 80 साल की उम्र में दिया एग्जाम, पढ़ाई बहू और नाती भी साथ कर रहे

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80 साल की उम्र में दिया एग्जाम

Grandmother Gave Exam At The Age Of 80: आमतौर पर लोग 80 साल की उम्र में आराम करने को तरजीह देते हैं। लेकिन एमपी यानी कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एक बुजुर्ग महिला का जवाब देख आप हैरान रह जाएंगे। इससे भी ज्यादा यह दिलचस्प है कि 80 वर्षीय दादी के साथ 47 वर्षीय बहू तथा 24 वर्षीय नाती भी परीक्षा दे रहे हैं। वैसे भी इनकी कहानी तो चौंकाने वाली तो है ही लेकिन इसके साथ ही प्रेरित भी करने वाली है।

आहार विशेषज्ञ बन जाएंगी

दरअसल सरोज अरोड़ा टीचर रह चुकी हैं। वह हाल ही में इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली के स्टडी सेंटर डेनियलसन डिग्री कॉलेज छिंदवाड़ा से फूड और न्यूट्रिशन का डिप्लोमा कर रही हैं। इसे पास करने के बाद से वह एक सर्टिफाइड डाइटिशियन तथा आहार विशेषज्ञ बन जाएंगी। वहीं पर सरोज अरोड़ा की बहू डॉ सुनीता अरोड़ा तथा उनके नाती ओम बत्रा भी यहीं पर परीक्षा दे रहे हैं। हालांकि 47 वर्षीय सुनीता अरोड़ा एक सफल होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वहीं पर 24 वर्षीय नाती ओम बत्रा इंजीनियर हैं। उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी में दिल्ली से बीटेक भी किया हुआ है।

हुईं है बहू से इंस्पायर

सरोज अरोड़ा ने यह बताया कि पढ़ाई के प्रति उनके पूरे परिवार का खास इंटरेस्ट है। हालांकि इस उम्र में भी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए उनके बेटे डॉ गौरव अरोड़ा तथा बहू डॉ सुनीता अरोड़ा ने हौसला बढ़ाया। उनकी बहू ने वर्ष 2014 में रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से बीएचएमएस की साढ़े 5 वर्षीय स्नातक डिग्री में प्रवेश लेकर पिछले ही टॉप किया। हालांकि उन्होंने सबसे ज्यादा नंबर हासिल करते हुए गोल्ड मेडल के साथ 46 वर्ष की उम्र में डिग्री हासिल की। ये जबलपुर यूनिवर्सिटी के इतिहास में अद्वितीय उपलब्धि रही हैं।

हौसला पति की मौत से भी नहीं टूटा

Grandmother Gave Exam At The Age Of 80 बता दें कि अपना अनुभव शेयर करते हुए सरोज अरोड़ा ने यह बताया है कि पिछले महीने उनके पति इंजीनियर बीरबल अरोड़ा का स्वर्गवास हो गया था। इसके चलते ही वह तथा उनका पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान तथा शोकग्रस्त था। हालांकि जल्द ही अपनी अवसाद से निकल कर पूरे जोश के साथ उन्होंने अपने परिवार को एकजुट करके पढ़ाई में लगा दिया। हालांकि परिवार का ध्यान नेगेटिव विचारों से हटकर पॉजिटिव स्टडी की तरफ लग गया।

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यह मैसेज बुजुर्गों को दिया

Grandmother Gave Exam At The Age Of 80 फिलहाल सरोज अरोड़ा ने अपनी हम उम्र बुजुर्ग साथियों को खास संदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि खुद को रिटायर तथा बेकार नहीं समझना चाहिए। इसके बदले अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल सकारात्मक कार्यों में करना चाहिए। इससे बुढ़ापा खुशनुमा तथा और भी सुखद हो जाता है। उम्र की वजह से शरीर में होने वाले परिवर्तनों तथा कमजोरी को रोका तो नहीं जा सकता है। लेकिन व्यायाम, मेडिटेशन, लगातार अध्ययन, योग, उचित आहार करने से अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाकर एक सुखद शांत तथा आनंददायक वृद्धावस्था का अनुभव किया जा सकता है।

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