Saharanpur : छात्रों ने राष्ट्रपति से माँगी इच्छा मृत्यु, जाने क्या है वजह…

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Saharanpur में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है मेडिकल कॉलेज के कुछ छात्रों का कहना है कि उन्होंने जब वहां के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया तो वर्ष 2016 में उन्हें नेट की परीक्षा से गुजरना पड़ा था| जिसके बाद छात्रों को मेडिकल के छात्रों को देश के तमाम कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है|उसके बाद छात्रों की काउंसलिंग हुई और उन्हें Saharanpur का ग्लोकल मेडिकल कॉलेज दिया गया और फिर अचानक से छात्र इच्छा मृत्यु की माँग करने लगे,आपको हम बतायेंगे की आखिर इच्छा मृत्यु मांगने की वजह क्या है और राष्ट्रपति का इस पर क्या निर्णय हो सकता है।

अंधकार में दिख रहा भविष्य इसलिये माँगी इच्छा मृत्यु..

Saharanpur : छात्रों का आरोप है किसके 3 महीने बाद ही एमआईसी ने कॉलेज की पात्रता को खत्म कर दिया था लेकिन उसके बाद भी यूनिवर्सिटी ने छात्रों को इस बात की बिल्कुल भी भनक नहीं पड़ने दी और वह चुपचाप पढ़ाते रहे| जिसका असर यह 5 साल बाद दिखा,अब छात्र वहां से निकलने के बाद अपने भविष्य को अंधकार में पा रहे हैं,इसी वजह से परेशान छात्रों ने कई बार प्रशासन और अधिकारियों के चक्कर लगाए लेकिन उन्हें कोई भी रास्ता नहीं मिला तो छात्रों ने इच्छा मृत्यु की माँग की।

Saharanpur : कलेक्टर के माध्यम से दिया ज्ञापन..

अनेकों समस्याओं की वजह से एडमिशन लिए 66 छात्रों में से 12 छात्रों ने राष्ट्रपति को संबोधित कर कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने इच्छा मृत्यु मांगी थी जिसमें शिवम शर्मा, विभोर, शिवानी राणा, रिजवान, सामिया ,विग्नेश, राहुल राज ,ऐश्वर्या, अरविंद राज आदि शामिल है,अब देखना है कि इस पर राष्ट्रपति क्या निर्णय लेते हैं।

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कुलपति का कहना है कि हम छात्रों के साथ हैं..

ग्लोकल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर अकील अहमद ने लोगों को बताया कि वह यूनिवर्सिटी आज भी छात्रों को पढ़ाना चाहती है| जिसके लिए उन्होंने काफी सारी कोशिशें भी की| उनका कहना है कि इन्हीं छात्रों की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज की एनओसी को रद्द कर दिया गया| इसके बाद से ही वह अदालत का चक्कर काट रहे हैं |वहां पर उनकी रिट खारिज कर दी गई| उन्होंने रिट पिटिशन भी दायर की वह भी निरस्त हो चुकी है| लेकिन फिर भी यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के साथ हमेशा खड़ा है|बहरहाल यह मामला तूल पकड़ रहा है और अब जवाब की प्रतीक्षा है।

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