दीप सिद्धू जिसने 26 जनवरी को किसान की ट्रैक्टर परेड में हिंसा फैलाने का काम किया। और रिलीजन से संबंधित झंडा लाल किला पर फहरा कर तिरंगे का अपमान किया। उसे तो दिल्ली पुलिस ने और सरकार गिरफ्तार नहीं कर पाये और किसान आंदोलन और सरकार की सच्चाई की निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले मनदीप पुनिया को गिरफ्तार कर लिया है।
मनदीप पुनिया 30 जनवरी को किसान आंदोलन में पथराव करने वाले बीजेपी के गुंडों और पत्थरबाजी करने वाले गुंडों के प्रति दिल्ली पुलिस का रिएक्शन अपनी न्यूज़ मैं रिकॉर्ड कर रहे थे तो यह दिल्ली पुलिस को पसंद नहीं आया जिससे दिल्ली पुलिस ने दो पत्रकारों धर्मेंद्र सिंह ऑनलाइन न्यूज़ इंडिया और मनदीप पूनिया को गिरफ्तार कर लिया।
30 जनवरी को कुछ पत्थरबाज किसानों पर पत्थरबाजी कर रहे थे और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी सब देख रही थी। या यह कह लो की पत्थरबाजों का साथ दे रही थी और यह सब मनदीप पुनिया रिकॉर्ड कर रहे थे। मनदीप पुनिया की सच्ची पत्रकारिता को दबाने के लिए पुलिस ने उन्हें पहले पीटा और फिर गिरफ्तार कर लिया।
मनदीप पुनिया ने पत्थरबाजों में बीजेपी समर्थकों की पहचान कर सरकार और दिल्ली पुलिस को तथ्यों के साथ एक्सपोज कर दिया। जिस से तिलमिलाए दिल्ली पुलिस और सरकार ने आवाज दबाने के लिए मनदीप पुनिया को गिरफ्तार कर लिया और उन पर पुलिस के काम में अड़चन बनने और पुलिस के साथ बदसलूकी के आरोप लगाए। इस तरह से मनदीप पूनिया को नहीं दबाया जा रहा है बल्कि सच्ची पत्रकारिता को दबाया जा रहा है।
जो पत्रकार चाटुकारिता करते हैं उन्हें तो सरकार गोदी में खिलाती है जिसे गोदी मीडिया कहते हैं लेकिन जो सच्चे पत्रकार हैं और निष्पक्ष पत्रकारिता करते हैं उन्हें सरकार और पुलिस प्रशासन दबाने का काम करते हैं।